पटना: इप्टा के प्लैटनिम जुबली समारोह के दूसरे दिन विचार विमर्श , नुक्कड़ नाटक, जनगीत, संगीत का कार्यक्रम के माध्यम से हलचल बनी रही। वैचारिक सत्र का विषय था ‘ नेशनल फॉर्म बनाने की जरूरत‘। इस सत्र की अध्यक्षता मशहूर कथाकार व नाटककार असगर वजाहत व इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह ने की। जावेद अख्तर खान ने आधार पत्र प्रस्तुत करते हुए कहा “ यह कन्वेंशन किसी राजनीतिक पार्टी से संबद्ध नहीं होगा।” मशहूर कवि राजेश जोशी ने इस संबंध में अपनी राय रक्त करते हुए कहा ” फोरम की राजनीतिक विचारधारा क्या होगी यह स्पष्ट नहीं है। हम अपने विरोधियों के ट्रैप में फंस जाएंगे। हम सिर्फ वर्तमान सत्ता का विरोध न करें , जो भी हमारे मूल्यों का विरोध करेगा हम उसका विरोध करेंगे।” चर्चित रंगकर्मी संजना कपूर ने सभा में अपने विचार प्रकट करते हुए कहा ” हमें सौंदर्य के साथ काम करना चाहिए, असहमति का सौंदर्य।”
प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव राजेन्द्र राजन ने राजनीति को केंद्र में लाने की बात पर कहा ” हमारे विरोधी सांस्कृतिक संगठन खुलकर राजनीति कर रहे हैं ऐसी स्थिति में राजनीति से विमुख हो जाएं ये ठीक नहीं है। ये गलत प्रवृत्ति है।“
सामाजिक कार्यकर्ता मेगा पानसारे ने कहा ” नई पीढ़ी को अपने से जोड़ना बहुत जरूरी है।” लोक कलाकार संभा जी भगत ने काम करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा ” हम बात करेंगे, विचार करेंगे लेकिन काम करते हुए । अगर आप काम नहीं करेंगे तो हम आपके साथ नहीं हैं।“
असगर वजाहत ने कहा ” फोरम की जरूरत सभी महसूस करते हैं, यह फोरम सिर्फ लेफ्ट का न हो, हमको उसका दायरा बढाना होगा , हमे सिर्फ संगठनों को ही नहीं बल्कि व्यक्तियों को भी जोड़ना होगा।” इप्टा के राष्ट्रीय महासचिव राकेश ने सत्ता के बजाय जनता से गुहार लगाने की बात उठाई ” कलाकारों को सत्ता से गुहार लगाना बंद कर देना चाहिए बल्कि उन्हें जनता से गुहार लगाने चाहिए। हम हर तरह के कलाकारों से संवाद स्थापित करना चाहते हैं।” इप्टा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रणवीर सिंह ने कहा ” नए नाटक लिखने की जरूरत है। प्रगतिशील लेखक संघ मदद करे। आज का थियेटर मूवमेंट, थियेटर नहीं यह सिर्फ एक्टीविटी थियेटर है।
दलित लेखक कांचा इलैया ने अंबेडकर, बुद्ध व मार्क्स को जोड़ने की बात करते हुए कहा ” अंबेडकर और मार्क्स को जोड़ना होगा। हमें बुद्ध से जोड़ना होगा। यदि हम बुद्ध की परंपरा से नहीं जुड़ेंगे तो अपने विरोधियों को कैसे पराजित करेंगे।“
सभा को चित्रकार सवींद्र सावरकर, रंगकर्मी शम्सुल इस्लाम आदि ने भी संबोधित किया
Leave A Comment