नई दिल्लीः विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर वाणी प्रकाशन कई महत्त्वपूर्ण किताबों के साथ पाठकों से रूबरू हो रहा है. वर्ष 2019 में पाठकों के लिए जहां एक ओर स्थापित और युवा लेखकों के सृजनात्मक लेखन के नये आयाम व रंग होंगे वहीं बदलते समय के प्रासंगिक विषयों की किताबें होंगी. इतिहास, समाजशास्त्र, धर्म, विज्ञान पर नये विमर्श का आलोक होगा. इन किताबों से नये विचार-विमर्श को केन्द्रीय परिदृश्य में लाने का एक सपना साकार होगा. दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक लेखकों ने चिन्तन को एक नया परिप्रेक्ष्य दिया है और हमारी दृष्टि में ये विषय न केवल महत्त्वपूर्ण हैं बल्कि अपरिहार्य हैं. हिन्दी समाज को अधिक चिन्तनशील दिशा में ले जाना वाणी प्रकाशन का प्रमुख ध्येय है. आज समाज नये सत्यों के अन्वेषण का आकांक्षी है. इसका प्रतिबिम्ब साहित्य में भी आकार ले रहा है. अपने प्रयास में हम हाशिये के जीवन-समाज के प्रति अधिक संवेदनशील और गम्भीर हैं. नयी पीढ़़ी यानि किशोर वर्ग और बच्चे हमारा भविष्य हैं. इनके अध्ययन की बदलती दिशाओं के गतिशील समय में वाणी प्रकाशन बाल साहित्य को एक ओर सृजनात्मक, प्रयोगशील और प्रगतिशील नज़रिये से प्रस्तुत कर रहा है, तो वहीं युवा रचनाकारों की नयी सोच को प्रस्तुत कर रहा है.
प्रगति मैदान दिल्ली के विश्व पुस्तक मेला के हॉल नं 12ए में बिराजमान वाणी प्रकाशन नया साहित्य : नये विमर्श के साथ कई कार्यक्रम कर रहा है, जिसमें लेखक मंच पर 6 जनवरी को शायर मनोज मुंतशिर की ताज़ा किताब 'मेरी फितरत है मस्ताना…' पर अदिति माहेश्वरी-गोयल लेखक से संवाद करेंगी. लेखक से मिलिये के तह इसी दिन 2 बजे सुप्रसिद्ध लेखक नरेन्द्र कोहली प्रकाशन के स्टॉल पर संवाद के लिए उपलब्ध होंगे तो सायं 5 बजे 'रसराज पंडित : जसराज' की लेखिका सुनीता बुद्धिराजा से रूबरू हुआ जा सकेगा. 7 जनवरी को 2 बजे अपरान्ह में 'सुर-बंजारन' के लेखक भगवानदास मोरवाल प्रकाशन के स्टॉल पर तो 4 बजे गोपेश्वर सिंह किताब 'आलोचना के परिसर' पर पाठकों से बात करेंगे. 9 जनवरी को 2 बजे अपरान्ह से 'ज़िगरी दुश्मन' किताब के लेखक द्वय आशिष नन्दी और अभय कुमार दुबे तो सायं 4 बजे 'प्रत्यंचा' उपन्यास के लेखक संजीव से वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर बात हो सकेगी. 10 जनवरी को लेखक मंच पर 2 बजे अपरान्ह समकालीन नुक्कड़ नाटकों के संग्रह 'दस्तक' पर लेखक अरविन्द गौड़ का संवाद व प्रस्तुति है. इसी दिन सायं 4 बजे वाणी प्रकाशन के स्टॉल पर लेखक से संवाद के तहत मोहनदास नेमिशराय अपनी आत्मकथा 'रंग कितने, संग मेरे' पर बात करेंगे. 11 जनवरी को 2 बजे लेखक से मिलिये के तहत प्रख्यात लेखक यतीन्द्र मिश्र तो सायं 4 बजे 'तितलियों का शोर' के लेखक हरिओम प्रकाशन के स्टॉल पर संवाद करेंगे. 12 जनवरी को 2 बजे 'अश्याम'उपन्यास के लेखक राकेश मढ़ोत्रा और सायं 4 बजे केदारनाथ सिंह के अन्तिम कविता संग्रह 'आँसू का वज़न', 13 जनवरी को 12 बजे विजया शर्मा से उनकी किताब ‘होलोकास्ट’नाज़ी यातना शिविरों की त्रासद गाथा पर, 2 बजे तेजी ग्रोवर के नये संग्रह 'दर्पण अभी काँच ही था' पर संवाद का कार्यक्रम है.