नई दिल्लीः साहित्य अकादेमी का वार्षिक समारोह शुरू हो चुका है. हर वर्ष आयोजित होने वाला 'साहित्योत्सव' इस साल आजादी का अमृत महोत्सव को समर्पित है. अकादमी द्वारा मान्यता प्राप्त 24 भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 225 लेखक और विद्वान विविध कार्यक्रमों में भागीदारी करने के लिए दिल्ली में जुटे हैं. अकादेमी की वर्षभर की गतिविधियों को प्रदर्शित करने वाली अकादेमी प्रदर्शनी से साहित्योत्सव 2022 की शुरुआत हुई. साहित्योत्सव का उद्घाटन देश के संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने किया. उपस्थित लेखकों एवं श्रोताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि साहित्य व्यक्ति की बौद्धिक खुराक है. साहित्य परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है लेकिन वह समाप्त हो रहा है यह कहना गलत होगा.
मंत्री मेघवाल ने कहा कि पुस्तकों के विषय युवाओं की रुचियों के अनुसार होने चाहिए और उन्हें देश के कोने-कोने तक पहुंचना चाहिए. साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार ने अंगवस्त्रम् एवं पुस्तक भेंट कर स्वागत किया. अकादेमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने साहित्य अकादेमी की वर्ष 2021 की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अकादेमी ने पिछले वर्ष कुल 605 ऑनलाइन कार्यक्रम तथा पुनमुर्द्रण सहित 24 भाषाओं में 506 पुस्तकें प्रकाशित कीं. पुस्तकों की बिक्री के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2021 में अर्जित राजस्व 8,53,23,242/- रुपए था. साहित्य अकादेमी के उपाध्यक्ष माधव कौशिक ने अपने वक्तव्य में कहा कि साहित्य अकादेमी लेखकों द्वारा लेखकों के लिए बनाई गई संस्था है और वह युवाओं को भी भरपूर प्रोत्साहन देती है. याद रहे कि साहित्योत्सव के दौरान अकादेमी के युवा सम्मान के अलावा युवाओं पर आधारित कई कार्यक्रमों की चर्चा हो रही है.