गाजियाबाद: नेपाल के पवित्र प्राकृतिक क्षेत्र के प्रचार-प्रसार और विकास हेतु मकालु साहित्य समाज ने ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें चार देशों भारत, हांगकांग, अमेरिका और नेपाल के दो दर्जन से अधिक साहित्यकारों ने भाग लिया. भारत से कवि डॉ सुनील तरुण, डॉ चेतन आनंद, पूजा बहार,  कवि रण काफ्ले, अमेरिका से नम्रता खतिवडा, हांगकांग से टीबी याख्खा, नेपाल से दाजु गुरंग और अनिल पौडल आदि शामिल हुए. इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में नेपाल के दर्जनों पत्रकार और साहित्यकार भी शामिल हुए. कवि और मकालु साहित्य समाज के अध्यक्ष तारा बहादुर बुढयोकी ने भक्ति और भाईचारा की कविता सुनाकर सबको मन्त्रमुग्ध किया. पूजा बहार ने अपनी मधुर आवाज में अपनी मातृभाषा भोजपुरी में कविता गाकर सभी साहित्यकारों से खूब वाहवाही बटोरी.
इस कवि सम्मेलन में कवि डॉ चेतन आनंद के मुक्तक और संदेश देते प्रकृति के गीत को सुनकर सभी भाव विभोर हो उठे. डॉ सुनील तरुण ने अपनी कविताओं से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. वहीं नेपाल के कृष्ण चापागाई और राजेंद्र सर्वहारा की राष्ट्र जीवन और प्रकृति के विषय पर कविता पूरी दुनिया के लिए सन्देश था. नेपाल के प्रदेश सभा सदस्य पुर्णप्रसाद राई ने प्रमुख अतिथि के आसन से प्रचार, साहित्यिक और आपसी सम्बन्ध के लिए इस तरह के कार्यक्रमों के भविष्य में भी सफल एवं फलदायी होने का विश्वास व्यक्त करते हुए सभी का आभार व्यक्त किया.