जयपुर: स्थानीय जवाहर कला केंद्र में साहित्यसंगीत और सिनेमा को समर्पित सितंबर स्पंदन में कला संसार मधुरम के तहत हसरत जयपुरी की स्मृति में संवाद प्रवाह और संगीत संध्या का आयोजन हुआ. इस दौरान फिल्म जगत में जयपुर का नाम रोशन करने वाले मशहूर शायर और गीतकार हसरत जयपुरी और उनके गीतों को याद किया गया. इस दौरान ‘आरजूख्वाहिशेंअरमान और चाहत रहेदिल तभी तक दिल है जब तक इसमें इक हसरत रहे‘ जैसे ही जज्बात रोशन हुए. इस अवसर पर संवाद प्रवाह में साहित्यकार इकराम राजस्थानीफिल्म लेखक दुष्यंत और सिने विश्लेषक नवल व्यास ने जयपुरी के फिल्मी सफर और गीतों की खूबसूरती पर चर्चा कीतो रहमान हरफनमौला ने सुरीली आवाज में हसरत जयपुरी के गीतों से महफिल को सजाया. उन्होंने ‘तुमने किसी की जान को जाते हुए देखा है‘ गीत से शुरुआत की और श्रोताओं को अपने सुरीले सफर का साथी बना लिया. रहमान ने ‘जी ऐसा मौका फिर कहां मिलेगा‘, ‘जाने कहां गए वो दिन‘ सरीखे गीत पेश किए.

इस अवसर पर नवल व्यास ने कहा कि हसरत को दो फिल्मफेयर अवार्ड से नवाजा गयातो मोहम्मद रफी को जिन गीतों के लिए फिल्म फेयर अवार्ड मिलाउनमें से तीन हसरत जयपुरी के लिखे हुए थे. इकराम राजस्थानी ने कहा कि हसरत जयपुर की शान हैंउनके नाम से शहर को पहचाना जाता है. उन्होंने कहा कि गीतकार ही है जो कागज पर दिल के भाव उतारने का हुनर रखता है. हसरत जयपुरी के गीतों से तो लोग आज तक अपने भाव जोड़ते हैंअपने दिल के जज्बात ढूंढ रहे हैं. उन्होंने कहा कि फिल्मों के लिए गीत लिखना आसान नहीं हैहसरत जयपुरी की खासियत यह रही कि वे हर गीत के लिए नए शब्द जोड़ते थे. हसरत की हवेली को लेकर उन्होंने कहा कि ‘उल्फत कीमोहब्बत कीचाहत की हवेली हैहसरत से देखो इसेये हसरत की हवेली है.‘ दुष्यंत ने कहा कि मुंबई में रहकर ये कहते हुए बड़ा गर्व होता है कि हसरत जयपुरी मेरे शहर के हैं. कार्यक्रम में जवाहर कला केंद्र की अतिरिक्त महानिदेशक प्रियंका जोधावतआईएएस नवीन जैनआईएएस समित शर्मा सहित अन्य गणमान्य लोग और बड़ी संख्या में संगीत कला प्रेमी उपस्थित थे.