मुंबई: “महाराष्ट्र की भूमि मराठी के साथ-साथ हिंदी साहित्य और भाषा के संवर्धन के लिए भी प्रतिबद्ध है. महाराष्ट्र देश का केवल एकमेव ऐसा राज्य है, जहां दस भाषाओं की अकादमियां सक्रिय हैं.” महाराष्ट्र के पर्यटन एवं सांस्कृतिक कार्य मंत्री आशीष शेलार ने महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के वार्षिक पुरस्कार वितरण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में इन सभी भाषाओं के संवर्धन हेतु महाराष्ट्र सरकार अधिकाधिक प्रयास करती दिखेगी. शेलार ने कहा कि भाषा समाज को जोडने और संस्कारों के संवर्धन का महत्वपूर्ण माध्यम है. इसलिए अच्छे बाल साहित्य की निर्मिती पर अधिक जोर दिया जाना चाहिए, ताकि हमारी आने वाली पीढी भी छत्रपति संभाजी राजे और तारा रानी जैसे महानायकों तथा भारत की समृद्ध एवं अनमोल धरोहर से परिचित हो सके. उन्होंने घोषणा की कि महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी जल्दी ही भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृति में विशेष भाषा शिखर साहित्य सम्मान प्रदान करेगी. यह सम्मान हिंदी साहित्य में अतुलनीय योगदान देने वाले मूर्धन्य साहित्यकार को प्रदान किया जाएगा. मुंबई के बांद्रा स्थित रंगशारदा सभागार में वर्ष 2024-25 के लिए पुरस्कार वितरित किए गए. महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी के कार्याध्यक्ष डा शीतला प्रसाद दुबे ने स्वागत करते हुए अकादमी की विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इस समारोह में कुल 46 साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है और विभिन्न पुरस्कारों की राशि दोगुना कर दी गई है. सर्वोच्च पुरस्कार दो लाख रुपए का है. समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलन और महाराष्ट्र राज्य गीत के साथ हुई. इस अवसर पर अहिल्यादेवी होलकर की 300वीं जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में सुरुचिपूर्ण नाटक के प्रभावशाली मंचन ने सभी को अभिभूत कर दिया. बाद में सांस्कृतिक कार्य मंत्री और अन्य अतिथिगणों द्वारा विभिन्न पुरस्कारों का वितरण किया गया. इस वर्ष अखिल भारतीय सम्मान जीवन गौरव पुरस्कारों में ‘महाराष्ट्र भारती अखिल भारतीय हिंदी सेवा पुरस्कार’ से रामकृष्ण सहस्त्रबुद्धे तथा ‘डा राम मनोहर त्रिपाठी अखिल भारतीय हिंदी सेवा पुरस्कार’ से प्रो श्रीराम परिहार को सम्मानित किया गया.
राज्य स्तरीय सम्मान जीवन गौरव पुरस्कारों के अंतर्गत ‘छत्रपति शिवाजी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’ राजेश कुमार मिश्र उर्फ राजेश विक्रांत को, ‘साने गुरुजी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार’ ऋषि कुमार मिश्र को, ‘पद्मश्री अनंत गोपाल शेवडे हिंदी सेवा पुरस्कार’ डा संजय सिंह को, ‘डा उषा मेहता हिंदी सेवा पुरस्कार’ डा सुष्मिता भट्टाचार्य को, ‘गजानन माधव मुक्तिबोध मराठी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ प्रो विजयकुमार रोडे को, ‘कांतिलाल जोशी इतर हिंदी भाषी हिंदी लेखक पुरस्कार’ गीता माणेक को, ‘व्ही. शांताराम ललित कला हिंदी विशिष्ट सेवा पुरस्कार’ अखिलेंद्र मिश्र को तथा ‘सुब्रमण्य भारती हिंदी सेतु विशिष्ट सेवा पुरस्कार’ शीला डोंगरे को प्रदान किया गया. इनके अलावा अकादमी के 14 विधा पुरस्कारों के अंतर्गत कुल 36 साहित्यकारों को विभिन्न पुरस्कार प्रदान किए गए. आईपीएस कृष्ण प्रकाश और उद्योगपति राजेंद्र सिंह को भी उनकी कृतियों के लिए सम्मानित किया गया. मंच पर सांस्कृतिक कार्य मंत्री और कार्याध्यक्ष के अलावा महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी की उपाध्यक्षा डा मंजू लोढ़ा, वरिष्ठ साहित्यकार डा सुधाकर मिश्र, फिल्म सिटी के पूर्व उपाध्यक्ष अमरजीत मिश्र, आरटीआई एक्टिविस्ट अनिल गलगली और विमल मिश्र विराजमान थे. संचालन आनंद प्रकाश सिंह और प्रसाद काथे ने संयुक्त रूप से किया. अंत में अकादमी के सदस्य सचिव और सह-निदेशक सचिन निंबालकर ने आभार प्रकट किया. समापन राष्ट्रगान से हुआ.