आमने-सामने
पंजाब में हलाला, दिल्ली में निकाह था, अब तलाक की बारी
सब हेड:::: आप और कांग्रेस के गठबंधन पर शहजाद पूनावाला का तंज, कहा-मोदी का विरोध करते-करते देश के विरोध में उतर आई कांग्रेस, तहसीन पूनावाला ने कहा-ईडी अब लांड्री वाली एजेंसी हो गई है
नवीन पपनै, जागरण
देहरादून: कथा-कहानी, साहित्य, लोक संगीत, लोक संस्कृति, नारी वंदन, बाजार आदि पर विमर्श के बाद अब बारी थी राजनीति की। मंच सहमति-असहमति का था और अभिव्यक्ति को प्रवाह देने के लिए मौजूद थे पूनावाला बंधु। बंधु जरूर हैं लेकिन वैचारिक रूप से दोनों में कोई साम्य नहीं। एक कभी कांग्रेस की नीति और रीति में रचे-बसे थे, लेकिन पारिवारवाद के खिलाफ झंडा बुलंद कर भाजपा में चले गए, तो दूसरे ने अपनी कांग्रेसी विचारधारा से समझौता नहीं किया। अधिकृत रूप से पार्टी से नहीं जुड़े हैं, मगर सावर्जनिक मंच पर पार्टी की मजबूत पैरवी करते हैं। जागरण संवादी के छठे सत्र ‘आमने-सामने’ की सभी को बेसब्री से प्रतीक्षा थी। मंच पर थे भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और कांग्रेस विचारधारा वाले राजनीतिक विश्लेषक तहसीन पूनावाला। जैसा नाम, वैसा ही संवाद। दोनों के तरकश से खूब राजनीतिक बाण चले। प्रश्न चुभन वाले थे तो उन्हें दोनों के पास वैसे ही तर्क। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के लोकसभा चुनाव में गठबंधन और अब दिल्ली चुनाव में अलग राह पर शहजाद ने कहा कि पंजाब में हलाला हुआ, दिल्ली में निकाह था, अब तलाक की बारी है। तहसीन कहां कम रहने वाले थे, उन्होंने ईडी को लांड्री एजेंसी बताया।
सत्र का संचालन कर रहे हल्द्वानी यूनिट के समाचार संपादक आशुतोष सिंह ने तहसीन पूनावाला से ही पहला प्रश्न पूछा कि सिर्फ 99 सीट जीतने के बाद भी राहुल गांधी उत्साहित हैं, इसे किस प्रकार की जीत मानते हैं। तहसीन ने चतुराई दिखाते हुए कहा कि जनता ने मोदी की गारंटी के खिलाफ वोट दिया है, इसलिए भाजपाई जीत के बाद भी हार जैसी स्थिति में हैं। अब वे मोदी की सरकार नहीं एनडीए की सरकार कह रहे हैं। इस पर शहजाद ने अपने चिरपरिचित अंदाज में कहा कि कांग्रेस कल विश्वकप में टीम इंडिया की हार की कामना कर रही थी। ऐसा इसलिए क्योंकि हारने पर इसका श्रेय मोदी को दिया जा सके। उन्हें पनौती पीएम कहा जा सके। अब जीत हो गई तो कहा जा रहा कि पहली बार राहुल गांधी के लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर बैठने के बाद सब अच्छा ही अच्छा हो रहा है। शहजाद ने कहा कि मोदी का विरोध करते-करते कांग्रेस देश के विरोध में उतर आई है। तहसीन ने इसे भाजपा का अहंकार और घमंड बताया। यह भी कहा कि इसी अहंकार ने उसे बहुमत से दूर कर दिया।
शहजाद ने प्रश्न पूछा-क्या सोनिया गांधी और ममता बनर्जी का यह हक नहीं बनता था कि तीसरी बार प्रधानमंत्री की शपथ लेने के बाद नरेन्द्र मोदी को बधाई देते। जो अहंकार का पाठ पढ़ा रहे हैं, वह अपने गिरेवान में झांकें। एक राहुल अपनी विनम्रता से टीम इंडिया को जीत दिला देता है, जबकि दूसरा राहुल अपने अहंकार से नफरत फैला रहा है। चर्चा अहंकार पर चल रही थी तो तहसीन ने लोकसभा में राहुल के माइक को बंद करने के लिए स्पीकर ओम बिरला को अहंकारी बता दिया। इस पर तहसीन ने अपने टैबलेट पर वर्ष 2012 की एक तस्वीर दिखाते हुए कहा कि आप हम पर आरोप लगाते हो जबकि मनमोहन सरकार के दौरान राजीव शुक्ला लोकसभा अध्यक्ष के आसन पर जाकर सदन की कार्यवाही को स्थगित करने को कहते हैं। उन्होंने तमिलनाडु में 63 दलितों की हत्या पर कांग्रेस से जवाब मांगा।
श्रोताओं की तालियों के बीच संवाद अमेठी, रायबरेली और वायनाड तक जा पहुंचा। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि प्रियंका गांधी को वायनाड से उपचुनाव लड़वाने के एलान के साथ ही कांग्रेस ने इस धारणा को साबित कर दिया है कि परिवार की राजनीतिक विरासत बेटे के साथ रहेगी, बेटी के साथ नहीं। तहसीन ने बचाव में कहा कि क्या 2014 में दो जगह से चुनाव लड़ने से पहले मोदी ने चुनाव से पहल ही बता दिया था कि कौन-सी सीट छोड़ेंगे। कांग्रेस में भी पार्टी तय करती है कि किसे कहां से लड़ना है। इस प्रश्न पर कि कभी आप अन्ना आंदोलन को फर्जी बताते थे और आज केजरीवाल के साथ खड़े हैं.. तहसीन ने कहा कि वह अब भी अपने रुख पर कायम हैं। सत्र के दौरान दोनों ने श्रोताओं के सवालों के जवाब दिए।
दो टूक
1. ईडी का दुरुपयोग
तहसीन…ईडी के कारण ही अजीत पवार, छगन भुजबल, हेमंता बिस्वा शरमा, अशोक चह्वाण, नारायण राणे वाशिंग मशीन में जाकर साफ सुथरे हो गए।
शहजाद…छगन को 2013 में क्लीनचिट मिल गई थी। हेमंता बिस्वा शरमा को 2014 में सिर्फ विटनेस बनाया था। कांग्रेस को अपने मैले कपड़े नहीं दिखते।
2. जातिगत का सर्वे
शहजाद.. नेहरू ने जातिगत सर्वे नहीं कराया। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी मंडल आयोग के विरोध में रहे। हमसे हिसाब मांगते हो। कई राज्यों में हमारे मुख्यमंत्री पिछड़ी जाति के हैं, आदिवासी समाज हैं। खुद प्रधानमंत्री इससे अछूते नहीं हैं।
तहसीन..याद करिये 2014 में राजनाथ सिंह ने जो कहा था उस पर भाजपा कायम क्यों नहीं है। अपने लोगों को गिना रहे हो हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे को भी देखिए।
चुटीले प्रश्न, रोचक उत्तर
–शहजाद कब तक कुंवारे रहेंगे
उत्तर: हम दोनों वफादार हैं, मैं देश के प्रति, तहसीन परिवार के प्रति, मैं देश को परिवार मानता हूं। तहसीन परिवार को देश मानता है।
–दोनों बंधुओं के मोबाइल नंबर कब अनलाक होंगे। यानी आपकी बातचीत कब शुरू होगी।
उत्तर: सिर्फ दोनों मुस्कार दिए
–शहजाद आपने कहा था राहुल और प्रियंका को राजनीति में नहीं होना चाहिए
उत्तर: हां, कहा था, अब भी कह रहा है कि चुनाव में उनके नंबर जरूर बढ़े हैं, लेकिन क्या नीयत बदली है, यह सोचा जाना चाहिए।