नई दिल्लीः साहित्य अकादमी दिल्ली इन दिनों 'राजभाषा सप्ताह' मना रहा है, जिसके तहत 14 सितंबर को हिंदी दिवस के दिन से ही राजधानी स्थित अकादमी परिसर और सभागार में हर दिन भाषा से जुड़ा कोई एक आयोजन अवश्य होता है. दूरदर्शन के अतिरिक्त महानिदेशक व लेखक राजशेखर व्यास हिंदी दिवस के अवसर पर आयोजित 'राजभाषा सप्ताह' के शुभारंभ दिवस के मुख्य वक्ता थे. उन्होंने अपने व्याख्यान में कहा कि हिंदी को राष्ट्रभाषा का दर्जा दिलाने वाले सभी महत्त्वपूर्ण राजनेता, विदेशों से पढ़े-लिखे थे, लेकिन वे राष्ट्रभाषा का महत्त्व जानते और समझते थे. उन्होंने कहा कि इन राजनेताओं ने विदेशी में पढ़ने के बावजूद हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिलाने के लिए बहुत संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि हिंदी आत्मा की आवाज और दुख तथा करुणा की भाषा है. इसको हमें केवल राजभाषा तक सीमित न रखकर व्यापक उपयोग में लाना होगा, तभी उसे उसका उचित सम्मान मिल सकेगा.
कार्यक्रम के आरंभ में साहित्य अकादमी के लाइब्रेरियन सुफियान अहमद ने मुख्य अतिथि का स्वागत पुस्तक भेंट करके किया तथा अकादमी के उपसचिव बाबूराजन ने अतिथि को अंगवस्त्रम् प्रदान किया. कार्यक्रम का संचालन साहित्य अकादमी की पत्रिका 'समकालीन भारतीय साहित्य' के अतिथि संपादक ब्रजेंद्र त्रिपाठी ने किया. भारत सरकार, संस्कृति मंत्रालय के सचिव अरुण गोयल की हिंदी दिवस से संबंधित अपील का पाठ और धन्यवाद ज्ञापन सहायक संपादक अजय कुमार शर्मा ने किया. कार्यक्रम में साहित्य अकादमी के कर्मचारी बड़ी संख्या में उपस्थित थे. अकादमी के सचिव के श्रीनिवास राव के अनुसार साहित्य अकादमी भारतीय भाषाओं के समन्वित विकास के लिए कृत-संकल्पित है और हिंदी दिवस पर उसके आयोजनों को इसी रूप में देखा जाना चाहिए. अकादमी ने राजभाषा सप्ताह के दौरान यूनिकोड टंकण प्रतियोगिता, श्रुतलेख प्रतियोगिता, अनुवाद प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, आशुभाषण प्रतियोगिता तथा हिंदी कार्यशाला का भी आयोजन कर रही है. राजभाषा सप्ताह का समापन एवं पुरस्कार वितरण 24 सितंबर, 2018 को वरिष्ठ कवि एवं आलोचक प्रयाग शुक्ल की उपस्थिति में होगा.