गाजियाबादः अमर भारती साहित्य संस्कृति संस्था द्वारा गाजियाबाद में आयोजित काव्योत्सव में देश के शीर्ष कवियों ने काव्यपाठ किया. प्रख्यात लेखक एवं कवि प्रेमपाल शर्मा ने 'काव्योत्सव' की सराहना करते हुए कहा कि मंडी हाउस से खिसक कर कविता इस मंच पर आ विराजी है. यहां सुनी पढ़ी गई कविता समझ में आती है. उन्होंने कहा कि जिस साम्राज्य में सूरज नहीं डूबता था उस राज के खिलाफ मोहनदास करमचंद गांधी खड़े हुए थे, लेकिन अंग्रेजी परस्त लोग आज भी अपना नाम डीके गुप्ता, एमएल शर्मा लिख रहे हैं. देवेंद्र कुमार गुप्ता या मक्खन लाल शर्मा लिखने में उन्हें शर्म आती है. प्रख्यात लेखक सेरा यात्री को पूरा देश इसी नाम से जानता है. उन्हें कभी एसआर यात्री कहलवाने की जरूरत नहीं पड़ी. शर्मा ने कहा कि हिंदी का रचनाकार आडंबरी है. ऐसे लोगों की वजह से ही हिंदी साहित्य और समाज का विनाश हो रहा है. उन्होंने 'आदमी को तलाशते हुए', 'नया मकान' और 'आदर्श और अनुभव' शीर्षक से तीन कविताएं भी पढी. मुख्य अतिथि विवेक गौतम ने 'छत' और 'मेरे शहर की नदी' शीर्षक से कविताएं प्रस्तुत कीं.

 

काव्योत्सव में डॉ माला कपूर ने 'इस चार बालिश्त के छज्जे से देखा बहुत कुछ… ' कविता पढ़ी तो मनु लक्ष्मी मिश्रा ने फरमाया, 'तीनों इक्कों के बल पर यदि, तुम चाल चलो तो क्या चलना…अजय अज्ञात ने पढ़ा, 'सहरा ए जिस्त में कुछ रोज तमाशे करके…तो सुरेंद्र सिंघल ने, 'एक पगडंडी जो आंखों में बिछी है अब तक…पढ़ा. संस्था के अध्यक्ष गोविंद गुलशन ने फरमाया, 'इस कदर तीरगी फैली है जमीन पर यारों… तो डॉ धनंजय सिंह ने 'यद्यपि है स्वीकार निमंत्रण, तथापि अभी मैं आ ना सकूंगा…पर सराहना बटोरी. काव्योत्सव का शुभारंभ आशीष मित्तल की सरस्वती वंदना से हुआ. योगेंद्र दत्त शर्मा, डॉ वीना मित्तल, तारा गुप्ता, कमलेश फर्रुखाबादी, तरुणा मिश्रा, आलोक यात्री, प्रवीण कुमार, सरवर हसन सरवर, मासूम गाजियाबादी, सुभाष चंदर, कीर्ति रतन, इंद्रजीत सुकुमार, मित्र गाजियाबादी, गुरबख्श सिंह, ममता राठौर, मंजू कौशिक, सुप्रिया सिंह, तूलिका सेठ, वीके मेहरोत्रा, मान सिंह बघेल, जगदीश पंकज सहित कई अन्य रचनाकारों की कविताएं भी सराही गईं. काव्य उत्सव में सिल्वर लाइन स्कूल की छात्रा नीरजांशी ने स्वरचित कविता 'हिंदी मेरी भाषा' का पाठ किया. कार्यक्रम में संतोष ओबरॉय, अंशू आहूजा, सुभाष अखिल, सुशील शर्मा, कुलदीप, टीपी चौबे सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे. संचालन आरके भदौरिया ने किया.