बीकानेर: वरिष्ठ साहित्यकार मालचंद तिवाड़ी को साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए कोलकाता में सम्मानित किया जाएगा. स्थानीय संस्था ‘विचार मंच‘ ने उन्हें ‘प्रो कल्याणमल लोढ़ा सारस्वत साधना‘ सम्मान से सम्मानित करने का निर्णय लिया है. राजस्थान के बीकानेर निवासी मालचंद तिवाड़ी का जन्म 19 मार्च, 1958 को हुआ. साहित्य को समर्पित तिवाड़ी की प्रकाशित चर्चित पुस्तकों में हिंदी में प्रकाशित उपन्यास ‘पर्यायवाची‘; कहानी-संग्रह ‘पानीदार तथा अन्य कहानियाँ‘, ‘सुकान्त के सपनों में‘, ‘जालियाँ और झरोखे‘, ‘त्राण तथा अन्य कहानियाँ‘, बोरुंडा डायरी, स्त्री का मनुष्यत्व, अंडे और आकाश आदि शामिल हैं. राजस्थानी में उपन्यास ‘भोळावण‘; कहानी-संग्रह ‘धड़न्द‘, ‘सेलिब्रेशन‘और कविता-संग्रह ‘उतर्यो है आभो‘ सहित कई पुस्तकें शामिल हैं. वे एच.जी. वेल्स की कालजयी कथाकृति ‘टाइम मशीन‘ का ‘काल की कल‘ शीर्षक से हिंदी में अनुवाद; ‘गीतांजलि‘ का मूल बांग्ला से राजस्थानी में गीति छन्द में अनुवाद; विजयदान देथा कृत ‘बातां री फुलवाड़ी‘ का हिंदी में अविकल अनुवाद कर चुके हैं.
साहित्यकार मालचंद तिवाड़ी कई सालों तक साहित्य अकादेमी नई दिल्ली के लिए राजस्थान भाषा परामर्श मंडल के संयोजक भी रह चुके हैं. साहित्यकार ‘विजयदान देथा‘ पर आधारित उनकी पुस्तक ‘बोरुंदा डायरी‘ को कालजयी रचना माना जाता है. उनकी लेखनी के प्रशंसक पूरे देश में मिल जाएंगे. यही वजह है कि साहित्य सृजन के लिए उन्हें देश की कई साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. उन्हें टैस्सीटोरी सम्मान, गणेशीलाल व्यास पद्य पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार, सूर्यमल्ल मीसण शिखर पुरस्कार, पृथ्वी राज राठौड़ पुरस्कार मिल चुका है. तिवाड़ी को यह पुरस्कार 17 मार्च को कोलकाता में आयोजित ‘विचार मंच सम्मान समारोह‘ के दौरान दिया जाएगा. पुरस्कार स्वरूप 1 लाख रुपए नकद और सम्मान पत्र दिया जाएगा. इस सम्मान के लिए चयनित होने से अभिभूत तिवाड़ी ने कहा कि कोलकाता की प्रतिष्ठित संस्था विचार मंच से पुरस्कृत होना मेरे लिए गौरव का विषय है.