कुरूक्षेत्र: “महाभारत सिर्फ एक महाकाव्य नहीं है, बल्कि जीवन जीने का एक तरीका है. महाभारत में कुरूक्षेत्र का प्रमुख महत्त्व है.” यह बात पर्यटन मंत्रालय की महानिदेशक मनीषा सक्सेना ने कही. वे भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय के उत्तरी क्षेत्र कार्यालय द्वारा महाभारत सर्किट से संबंधित एक सम्मेलन को आनलाइन संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने हरियाणा पर्यटन के सहयोग से आगंतुकों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को लक्षित करते हुए बड़े पैमाने पर विकास से जुड़ी गतिविधियां शुरू की हैं. ज्योतिसर में लाइट एंड साउंड शो और एक संग्रहालय का विकास कुछ नवीनतम उपलब्धियां हैं. महाभारत सर्किट के तहत कुरूक्षेत्र, ज्योतिसर और थानेसर की परिचय-यात्रा आयोजित की गई. यात्रा का उद्देश्य इस क्षेत्र पर्यटन क्षमता और उसके धार्मिक महत्त्व के बारे में जागरूकता पैदा करना था. भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय व हरियाणा पर्यटन विभाग के अधिकारियों और यात्रा उद्योग से जुड़े लोगों ने संबद्ध इलाके के प्रचार और उसकी मार्केटिंग के लिए बुनियादी ढांचे, आवास, पर्यटक सुविधाओं, इस क्षेत्र में पर्यटकों की आमद, यात्रा व पर्यटन के क्षेत्र में निरंतरता, जिम्मेदार पर्यटन, स्थानीय समुदाय की भागीदारी, सेवा प्रदाताओं के संवेदीकरण और प्रशिक्षण सहित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की.
सम्मेलन में क्षेत्रीय निदेशक उत्तर डा आरके सुमन ने कहा कि इस सम्मेलन और परिचय यात्रा के आयोजन का उद्देश्य कुरूक्षेत्र की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को प्रदर्शित करना था. इस के तहत पर्यटन उद्योग और देश भर के विभिन्न हितधारकों को कुरुक्षेत्र की विशिष्टताओं से प्रत्यक्ष रूप से अवगत होने और फिर इस अनुभव को अपने संबंधित बाजारों में अपने ग्राहकों के साथ साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया. हरियाणा पर्यटन के संयुक्त प्रबंध निदेशक डा रमन गुप्ता, आईएटीओ के अध्यक्ष राजीव मेहरा, एडीटीओआई के अध्यक्ष पीपी खन्ना और इस्कान के उपाध्यक्ष मोहन गुरुचरणदास ने भी सभा को संबोधित किया और कुरुक्षेत्र के महत्त्व एवं इससे जुड़ी संभावनाओं के बारे में बताया. परिचय यात्रा के दौरान सभी प्रतिनिधियों ने कुरूक्षेत्र, थानेसर एवं ज्योतिसर के महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थलों का भ्रमण किया. वे ब्रह्मसरोवर और ज्योतिसर को देखकर अभिभूत हो गए. प्रतिनिधियों ने ज्योतिसर में लाइट एंड साउंड शो भी देखा और श्री कृष्ण संग्रहालय, पैनोरमा और विज्ञान संग्रहालय की यात्रा का आनंद लिया. प्रतिनिधियों ने शेख चिल्ली के मकबरे, राजा हर्ष का टीला, भद्रकाली मंदिर और भीष्म कुंड का भी दौरा किया. इस सम्मेलन में भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय, हरियाणा पर्यटन विभाग और स्थानीय प्रशासन से जुड़े अधिकारियों के अलावा टूर आपरेटरों, यात्रा क्षेत्र से जुड़े मीडिया कर्मियों, मत बनाने व उसे प्रभावित करने वालों सहित देश भर से विविध प्रतिनिधियों ने भाग लिया.