काठमांडू: ललितपुर में तीन दिवसीय काठमांडू-कलिंग साहित्य महोत्सव ने दक्षिण एशिया में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हुए संस्कृति के आदान-प्रदान में एक उपयोगी भूमिका निभाई है. यह महोत्सव यशस्वी अकादमी, नेपाल और भारत के कलिंगा साहित्य महोत्सव-केएलएफ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था. इस महोत्सव का उद्घाटन नेपाल के विदेश मंत्री एन पी सऊद ने किया. इस दौरान हिंदी के प्राध्यापक अवधेश प्रधान, अभिनेत्री और लेखिका दिव्या दत्ता, प्रोफेसर माधव प्रसाद पोखरेल और अभिनेत्री मनीषा कोइराला को ‘यशस्वी साहित्य सम्मान‘ से सम्मानित किया गया. इस वर्ष से शुरू किए गए ‘यशस्वी पुस्तक पुरस्कार‘ से सम्मानित होने वालों में लेखक विवेक ओझा को कथा साहित्य पर लिखी उनकी पुस्तक ‘ऐंठन‘ के लिए, डा नवाज केसी को रचनात्मक गैर-काल्पनिक कथा पर लिखी पुस्तक ‘सुन्याको मुल्या‘ के लिए, रेणुका जीसी को उनकी कहानी सनेश के लिए पुरस्कार दिया गया.
महोत्सव के दौरान जो अन्य सम्मान दिए गए, उनमें डा महेंद्र मल्ल को कविता संग्रह ‘भासाको बकपात्र‘ के लिए, गोविंदा गिरि प्रेरणा को जीवनी ‘सुश्री पारिजात‘ के लिए और अनुराधा बाल साहित्य की पुस्तक ‘छमछको छमछामी‘ के लिए सम्मानित किया गया. ‘यशस्वी पुस्तक पुरस्कार‘ से सम्मानित अन्य लोगों में रीमा केसी को ‘अमृता प्रीतम की चयनित कविताओं‘ के अनुवाद के लिए, नारायण घिमिरे को भोजन और चिकित्सा पर लिखी पुस्तक ‘रायठाणे खानपन रा चाडपरवा‘ के लिए, लक्पा डेंडी शेरपा को उनकी आत्मकथा ‘हिमालयन मेवरिक‘ के लिए पुरस्कृत किया गया. जबकि सुशांत थापा को अंग्रेजी कविता लेखन ‘मीन्स ऑफ मेरिट‘ नामक कविताओं के संकलन के लिए पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. आयोजकों के अनुसार इस महोत्सव में हिंदी, नेपाली, अंग्रेजी और विविध भाषाओं के नेपाल, भारत, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका से आए साहित्यकार शामिल हुए.