नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित पुस्तकायन पुस्तक मेले का तीसरा दिन मुशायरे के नाम रहा, जिसमें चंद्रभान ख़याल की अध्यक्षता में ख़ालिद महमूद, आजिम कोहली, फारूक़ अर्गली, मोइन शादाब और तहसीन मुनव्वर ने अपने कलाम प्रस्तुत किए. मुशायरे का संचालन मोइन शादाब ने किया. सबसे पहले उन्होंने अपने कुछ कलाम प्रस्तुत किए. उनके शेर थे, ‘देख कर फस्ल अंधेरों की हैरत कैसी, तूने खेतों में उजाला कहां बोया था‘ को खूब सराहा गया. इसके बाद तहसीन मुनव्वर ने अपनी गजलें प्रस्तुत कीं, जिसमें ‘तुझे प्यार से अपना बनाके मारेंगे, नए यजीद हैं पानी पिला के मारेंगे‘ को भी श्रोताओं ने बहुत पसंद किया. अजीम कोहली का शेर ‘वो जिसके हुक्म से सब हो रहा है/ वही तेरा, वही मेरा खुदा है‘ को भी खूब दाद मिली. ख़ालिद महमूद का शेर था ‘हुनरमंदी से जीने का हुनर अब तक नहीं आया/ सफर करते रहे, तर्जे सफर अब तक नहीं आया.‘ अंत में फारूक़ अर्गली ने अपने दोहे ‘हिंदी भाषा मदभरी, उर्दू रस की खान. एक हमारा गौरव है, एक हमारी शान‘ से पूरे माहौल को नए धरातल पर पहुंचा दिया.
मुशायरे की अध्यक्षता कर रहे चंद्रभान ख़याल ने अपनी गजलें प्रस्तुत कीं. उनका एक शेर खूब सराहा गया ‘मेरे आगे न था रास्ता कोई भी/मेरे पीछे मगर लोग सारे चले‘ को खूब तालियां मिलीं. मुशायरे के आरंभ में सभी शायरों का परिचय देने के बाद स्वागत साहित्य अकादेमी के संपादक अनुपम तिवारी ने किया. इससे पहले सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत मनस्वी गर्ग ने कथक डांस की प्रस्तुति दी. याद रहे कि कि यह पुस्तक मेला साहित्य अकादेमी परिसर में 9 दिसंबर तक चलेगा. इसमें हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू व अन्य भारतीय भाषाओं के 50 स्टाल लगे हैं. इस मेले में राजकमल प्रकाशन, वाणी प्रकाशन, किताब घर, प्रभात प्रकाशन, सामायिक प्रकाशन, ओम बुक इंटरनेशनल, पेंगुइन रैंडम हाउस इंडिया, नियोगी बुक्स, इंडिया टुडे, रेख़्ता फाउंडेशन के अतिरिक्त प्रकाशन विभाग, सीसीआरटी, चिल्ड्रन बुक्स ट्रस्ट आदि के स्टाल लगे हैं. बच्चों के प्रमुख प्रकाशक एकलव्य और इकतारा के स्टाल भी मेले में हैं. यह मेला प्रतिदिन सुबह 10 बजे से सायं 8 बजे तक खुला रह रहा है.