कोलकाता: पद्म विभूषण और संगीत नाटक अकादमी से सम्मानित उस्ताद राशिद खान नहीं रहे. उनके निधन की खबर सुनते ही देश भर में शोक की लहर व्याप्त हो गई. ‘आओगे जब तुम ओ साजना…‘ और ‘याद पिया की आए… जैसे दर्जनों गीत गाकर युवाओं के दिलों में जगह बना लेने वाले खान राग और बंदिशों के सिद्ध हस्त कलाकार थे. उस्ताद महज 55 के थे. उनका का संबंध शास्त्रीय संगीत के नामी रामपुर-सहसवान घराने से था. इस घराने के संस्थापक इनायत हुसैन खान थे. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ट्वीट किया कि भारतीय शास्त्रीय संगीत की दुनिया में एक महान शख्सियत उस्ताद राशिद खान के निधन से दुख हुआ. उनकी अद्वितीय प्रतिभा और संगीत के प्रति समर्पण ने हमारी सांस्कृतिक दुनिया को समृद्ध किया और पीढ़ियों को प्रेरित किया. उनका निधन एक खालीपन छोड़ गया है जिसे भरना मुश्किल होगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं.
उत्तर प्रदेश के बदायूं में जन्में उस्ताद राशिद खान ने संगीत की शुरुआती शिक्षा अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन से ली थी. उनकी संगीत की यात्रा 11 साल की उम्र में ही शुरू हो गई थी. याद रहे कि रामपुर-सहसवान घराना शुद्ध हिंदुस्तानी संगीत शैली को सुगम संगीत से जोड़ने के लिए भी जाना जाता है. कोलकाता के आईटीसी संगीत अकादमी में संगीत सीखा और सिखाया भी. उस्ताद राशिद ने 11 साल की उम्र में दिल्ली में अपना कार्यक्रम प्रस्तुत किया था. उन्होंने संगीत की शिक्षा अपने मामा निसार हुसैन खान से ली थी. इसके अलावा उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से भी गुर सीखे. यह शिक्षा-दीक्षा उस वक्त ही शुरू हो गई थी, जब उस्ताद राशिद खान महज छह साल के थे. प्रधानमंत्री के अलावा केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, प्रहलाद जोशी, अर्जुन मुंडा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदरसिंह सुक्खू, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साई, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, शारदा सिन्हा, अनुपम खेर, उषा उत्थुप, शायर शकील आज़मी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित संगीत, साहित्य और सियासत की कई हस्तियों ने उस्ताद राशिद खान के निधन पर शोक जताया है.