चेहरे पर बिखरे हुए दुख के धागे… लिखने वाले कवि मलय का न होना हिंदी साहित्य की बड़ी क्षति है
जबलपुर: चेहरे पर बिखरे हुए, दुख के धागे, गोया लिखी काली रेखाएं, धुआं-सी... जैसी मानवीय सरोकार की रचनाओं से हिंदी को समृद्ध करने वाले प्रगतिशील कविता के अग्रणी हस्ताक्षर कवि मलय का 94 वर्ष की [...]