मुंबई: हिंदी सिनेमा की सुपरिचित निर्माता, निर्देशक और लेखक सीमा कपूर की आत्मकथा ‘यूं गुजरी है अब तलक’ का विमोचन मुंबई में हुआ. इस मौके पर अनुपम खेर, परेश रावल, बोनी कपूर, अन्नू कपूर, दिव्या दत्ता, रघुवीर यादव समेत फिल्म इंडस्ट्री की अनेक हस्तियां उपस्थित रहीं. लोकार्पण कार्यक्रम का संचालन स्टूडियो रिफ्यूल के कुमार ने किया. हिंदी में लिखी इस आत्मकथा को राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. कार्यक्रम की शुरुआत उज्जैन से आई डा खुशबू पांचाल ने श्लोक पढ़कर की. इसके बाद मशहूर निर्माता- निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा का इस आत्मकथा के कुछ अंश पढ़ते हुए एक वीडियो प्रदर्शित किया गया. अपनी आत्मकथा के लोकार्पण के मौके पर सीमा कपूर ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “मुझे जो कुछ जिंदगी में नहीं मिला, मैं उसे भूल गई. मेरे नाना क्रान्तिकारी थे, मेरा ननिहाल बंगाली कलाकारों से भरा था. मेरे दादाजी आर्मी में कर्नल थे. लेकिन पिताजी ने दिल्ली आकर दो-ढाई सौ कलाकारों के साथ नाटक कंपनी खोल ली. उस जमाने में नाटक या नौटंकी को बहुत खराब नजर से देखा जाता था. कुछ समय बाद सिनेमा ने हमारे मुंह से रोटी छीन ली. फ़िल्मों ने थिएटर को बहुत पीछे कर दिया. धीरे-धीरे नाटक कंपनियां बंद होने लगीं, मगर पिता जी कर्ज लेकर भी सैकड़ों कलाकारों की जरूरतें पूरी करते रहे. मां के गहने और साड़ियां तक बिक गईं. परिवार के लिए खाना जुटाना भी बड़ी चुनौती बन गया था. अपने परिवार का नाटक से जुड़े होने की वजह से मुझे सामाजिक उपेक्षा का भी सामना करना पड़ा.”
कपूर ने कहा कि अपनी आत्मकथा में मैंने बहुत निर्भीक होकर अपनी बातें रखी हैं. वो चाहे खुद के बारे में या दूसरों के बारे में. मैंने जो जिया है उसी को लिखा है. अब इसको आप सभी पाठकों के हवाले करती हूं. आपकी प्रशंसाओं और आलोचनाओं का मैं स्वागत करूंगी. अनुपम खेर ने कहा, “मैं सीमा कपूर को वर्षों से जानता हूं. उनके संघर्षों को मैंने करीब से देखा है. बहुत कम लोग अपने जीवन को इतनी सच्चाई से पन्नों पर उतार पाते हैं. उन्होंने अपनी आत्मकथा को एक फिल्म की पटकथा की तरह लिखा गया है. इस किताब में उनकी अपनी कहानी है लेकिन पाठकों को यह एक फिल्म के रूप में अनुभव होगी. जिस तरह सीमा कपूर जिंदगी जीती हैं मैं उनसे प्रेरणा लेता हूं. मैं यही कहना चाहता हूं कि यूं गुजरी है अब तलक… और आगे भी बहुत अच्छी गुजरेगी.” अन्नू कपूर ने सीमा कपूर की आत्मकथा को एक प्रेरणादायक कृति बताते हुए कहा, “सीमा का जीवन संघर्षों से भरा रहा है. उसने बहुत सारे कष्ट सहे हैं. लेकिन फिर भी वो हमेशा हंसती और खिलखिलाती रही. यह किताब उनके जीवन संघर्ष की कहानी है. यह पाठकों के लिए जरूर प्रेरणादायी साबित होगी.” बोनी कपूर ने कहा कि मैं शुक्रगुजार हूं कि मुझे जीवन में सीमा और उनके परिवार के लोग मिले. उन्होंने सीमा कपूर को आत्मकथा के प्रकाशन की बधाई दी और कहा कि उन्होंने मेरी बेटियों, जाह्नवी कपूर और खुशी कपूर को हिंदी और उर्दू के सही उच्चारण सिखाए हैं. अभिनेता रघुवीर यादव ने सीमा कपूर के साथ गुजरे लम्हों को याद करते हुए कई रोचक किस्से सुनाकर उपस्थित लोगों को खूब हंसाया. गायक जसपिंदर नरूला ने भी सीमा कपूर को शुभकामनाएं दीं. परेश रावल ने इस मौके पर कहा कि आत्मकथा लिखना आसान काम नहीं होता. यह बड़ा चुनौती भरा काम है. सीमा कपूर की कलम में कमाल है. मेरी ख्वाहिश है कि सीमा कपूर द्वारा लिखित किसी कृति का मैं भी हिस्सा रहूं. उनकी इस आत्मकथा को मैं जरूर पढूंगा.