तिरुवनंतपुरमः अखिल भारतीय साहित्य परिषद लोक सेवक मंडल के संयुक्त तत्वाधान में केरल राजभवन में ‘श्रीमद भागवत गीता का सामाजिक विश्लेषण‘ विषय पर संगोष्ठी और सम्मान समारोह का आयोजन हुआ. संगोष्ठी की अध्यक्षता डा राजेश शर्मा और संचालन डा शिखा सिंह ने किया. इस अवसर पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः. चत्वारि तस्य वर्धन्ते आयुर्विद्या यशो बलम‘के सूत्र की विस्तार से चर्चा की. उन्होंने इसका अर्थ भी समझाया कि
सुशील और विनम्र व्यक्ति परिवार के बड़ों का सर्वदा आभार करते हैं. फलों से लदे वृक्ष सदैव झुके रहते हैं. प्रखर वक्ता के रूप में अपनी पहचान को समृद्ध करते हुए राज्यपाल ने गीता के जीवन उपयोगी सूत्रों को अपनाने का संकल्प दोहराया.
इस अवसर पर राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश के 85 शिक्षकों के साथ भोजन किया और उन्हें शिक्षक श्री सम्मान से विभूषित किया. कार्यक्रम के दौरान शैक्षिक गतिविधि पर चर्चा हुई और ‘श्रीमद भागवत गीता का सामाजिक विश्लेषण‘ पुस्तक का लोकार्पण भी हुआ. राज्यपाल ने ‘पढ़ें बेटियां बढ़ें बेटियां‘ अभियान की प्रमुख डा शिखा सिंह को उत्तरीय, स्मृति चिन्ह और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया. राज्यपाल ने कानपुर से अपने पुराने परिचय का उल्लेख भी किया. इस अवसर पर संस्कृत, हिंदी, भारतीय संस्कृति, शिक्षा और साहित्य का जीवंत नजारा देखने को मिला. इस अवसर राजेश शर्मा, प्रीती सोनकर, कंचन कामिनी, नवीन प्रकाश, मो मारूफ, यश यादव, दीपक सोनकर सहित 85 शिक्षक, साहित्यकार, गणमान्य लोगों के साथ राजभवन के अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थिति थे.