बरेली: भारतीय संस्कृति की बुनियाद पर विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहे गुरुकुल स्कूल ने चैत्र नवरात्रि गुड़ी पड़वा और नव वर्ष के अवसर पर एक परिचर्चा का आयोजन किया. इस परिचर्चा में नगर, समाज एवं समितियों के प्रमुख व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया. परिचर्चा का विषय था ’21वीं सदी में भारतीय संस्कार और समाज की भूमिका‘. वक्ताओं ने खुलकर अपने विचार रखे. परिचर्चा में महिलाओं की भी विशेष उपस्थिति रही, जिन्होंने भारतीय संस्कृति एवं धर्म को बढ़ावा देने हेतु अपने घरों में बच्चों को संस्कारयुक्त करने के साथ ही समाज में ऐसी गतिविधियां संचालित करने पर बल दिया, जिससे बच्चों में भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार हो. इस अवसर पर आगामी कार्यक्रमों की रूपरेखा भी तैयार की गई. वक्ताओं ने आने वाले समय में इन विषयों पर बच्चों के बीच प्रतियोगिता आयोजित करने की बात भी कही.
परिचर्चा में जिन प्रमुख लोगों ने अपने विचार रखे उनमें टीना भावसार, संगीता जैन, रजनी राय, आयुष्का खरे सहित सचिन शांडिल्य, रोसिश राय, नवीन कुकरेले, राहुल मालवीय, रामकुमार भार्गव आदि शामिल थे. ज्ञात हो कि नगर के गुरुकुल स्कूल द्वारा विद्यालय के बच्चों को भारतीय संस्कृति के आधार पर शिक्षा एवं नैतिक मूल्यों और संस्कारों को बढ़ावा देने की गतिविधियां की जाती है. परिचर्चा का शुभारंभ विद्यालय के संचालक प्रशांत राठी, राष्ट्रीय हिंदू सेना के जिला अध्यक्ष अखिल खरे एवं हिंदू उत्सव समिति अध्यक्ष मनमोहन शर्मा द्वारा एवं अन्य सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन और विषय स्थापना के साथ हुआ. परिचर्चा के दौरान छात्रों द्वारा स्वागत गीत एवं मां दुर्गा के भजन भी प्रस्तुत किए गए.