नई दिल्ली: साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित हो रहे ‘साहित्योत्सव-2025’ 700 से अधिक लेखक और विद्वान भाग ले रहे हैं. इस आशय की जानकारी अकादेमी द्वारा आयोजित पत्रकार-वार्ता में अकादेमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने साझा की. उन्होंने बताया कि साहित्योत्सव का उद्घाटन संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत करेंगे. राजधानी के रवींद्र भवन परिसर में 7 से 12 मार्च तक मनाए जा रहे इस साहित्योत्सव में 100 से अधिक सत्रों में 700 से अधिक प्रसिद्ध लेखक और विद्वान भाग ले रहे हैं. इसमें देश की 50 से अधिक भाषाओं का भी प्रतिनिधित्व होगा. साहित्योत्सव का मुख्य आकर्षण साहित्य अकादेमी पुरस्कार अर्पण समारोह है, जो 8 मार्च को कमानी सभागार में होगा. इस पुरस्कार-अर्पण समारोह की मुख्य अतिथि प्रख्यात अंग्रेजी नाटककार महेश दत्तानी हैं. प्रतिष्ठित संवत्सर व्याख्यान प्रख्यात अंग्रेजी लेखक उपमन्यु चटर्जी 9 मार्च को मेघदूत मुक्ताकाशी मंच पर होगा. 6 दिवसीय इस साहित्योत्सव में इस बार की राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय है ‘भारतीय साहित्यिक परंपराएं: विरासत और विकास’. इसके अतिरिक्त प्रख्यात मलयालम लेखक ओमचेरी एनएन पिल्लै जन्म शतवार्षिकी संगोष्ठी, मोहन राकेश जन्म शतवार्षिकी संगोष्ठी, प्रख्यात गीतकार गोपालदास नीरज के गीतों पर चर्चा, जितेंद्र भाटिया के साथ कथा संधि तथा लेखक से भेंट के अंतर्गत सुबोध सरकार से रूबरू कराया जाएगा.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत राकेश चौरसिया द्वारा बांसुरी वादन, फौजिया दास्तानगो द्वारा दास्तान-ए-महाभारत तथा नलिनी जोशी द्वारा हिंदुस्तानी गायन प्रस्तुत किया जाएगा. इस साहित्योत्सव में भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा सहित दो राज्यों बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एवं गोवा पीएस श्रीधरन पिल्लै विशेष रूप से भाग ले रहे हैं. हर दिन भारतीय नदियों के नाम पर निर्मित किए गए सभागारों में सुबह 10 बजे से सायं 6 बजे तक विभिन्न कार्यक्रम होंगे. इनमें बहुभाषी कहानी-पाठ, पूर्वोत्तरी, उत्तर-पूर्वी लेखक सम्मिलन, बहुभाषी कविता-पाठ, युवा साहिती और एलजीबीटीक्यू लेखक सम्मिलन के अतिरिक्त भारत में आत्मकथात्मक साहित्य, भारत की साहित्यिक कृतियों में लुप्त होता ग्रामीण समाज, विभाजन पर केंद्रित भारतीय साहित्य, अनुवाद में संस्कृति चित्रण, सिनेमा के लिए फिल्माई गई साहित्यिक कृतियां, साहित्य की सार्वभौमिकता, वैश्विक साहित्यिक परिदृश्य में भारतीय साहित्य, स्वातंत्र्योत्तर भारतीय साहित्य में राष्ट्रीयता आदि विषयों पर चर्चा होगी.