मुजफ्फरपुरः लंगट सिंह महाविद्यालय के बैचलर ऑफ मास कम्यूनिकेशन विभाग ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर एक संगोष्ठी सह परिचर्चा आयोजित की, जिसमें प्राचार्य डॉ ओपी राय, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क पदाधिकारी दिनेश कुमार, पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष डॉक्टर प्रमोदकुमार, पत्रकार आलोक मिश्रा, उप निर्वाचन पदाधिकारी सत्यप्रिय कुमार, बीएमसी के नोडल डॉ राजीव झा ने व्याख्यान दिए. दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का आरंभ हुआ. आलोक मिश्रा ने विद्यार्थियों को हिंदी पत्रकारिता दिवस की शुभकामना देते हुए हिंदी पत्रकारिता के महत्त्व को रेखांकित किया. नोडल बीएमसी राजीव झा ने परिचर्चा के विषय प्रवेश में कहा कि आज ही के दिन 1826 में हिंदी जगत की पहली साप्ताहिक पत्रिका ‘उदन्त मार्तण्ड’ का प्रकाशन शुरू हुआ था. तब से इसकी गरिमामयी याद में हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जा रहा है.
डीपीआरओ दिनेश कुमार ने पत्रकारिता के महत्त्व और इसकी विशेषताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि जन सरोकार एवं लोक भावना से पत्रकारिता आच्छादित होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पत्रकारिता में तकनीक एवं व्यावहारिक उपागम संबंधित चुनौतियां हैं, पर इन चुनौतियों से पार पाया जा सकता है. उन्होंने सलाह दी कि आपाधापी में गुणवत्ता एवं नैतिकता को नहीं छोड़ना चाहिए. सत्यप्रिय कुमार ने कहा कि पत्रकारिता के लिए भाषायी माध्यम को रुकावट नहीं बनाना चाहिए. अपनी बातों को निष्पक्ष तरीके से लोगों के बीच परोसना ही पत्रकारिता का मूल धर्म है. डॉ प्रमोद ने भी पत्रकारिता का चुनौतीपूर्ण इतिहास और इसके युगांतरकारी प्रभाव की चर्चा की. प्राचार्य डॉ ओपी राय ने पत्रकारिता के योगदान और जन समूह के समेकित प्रयास को सराहा . उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के रूप में इनकी महत्ता और जिम्मेदारी दोनों बढ़ जाती है. इसके अतिरिक्त पत्रकारिता का कोर्स कर रहे विद्यार्थियों ने अपनी बातों को रखा. इस अवसर पर उपस्थित पत्रकारों को स्मृति चिह्न एवं प्रशस्ति पत्र दिया गया. संगोष्ठी में हिंदी व्याख्याता डॉ आशिष कुमारी कांता, प्राध्यापक ललित, सतीश आदि उपस्थित थे.