नई दिल्ली: भारतीय वायु सेना और यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूशन आफ इंडिया ने शंकर विहार स्थित सभागार में संयुक्त रूप से वायु सेना के पहले मार्शल अर्जन सिंह की स्मृति में वार्षिक व्याख्यान का आयोजन किया. उद्घाटन वक्तव्य पूर्व वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया पीवीएसएम एवीएसएम वीएम (सेवानिवृत्त) ने दिया. इस कार्यक्रम में सीएएस, एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी पीवीएसएम एवीएसएम वीएम एडीसी, यूएसआई के सदस्य और संकाय, वरिष्ठ रक्षा अधिकारी (सेवारत और सेवानिवृत्त) और वायु सेना कर्मी शामिल हुए. इस व्याख्यान की परिकल्पना भारतीय वायु सेना ने अर्जन सिंह के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए की है और यह भारतीय वायु सेना और यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूशन आफ इंडिया को उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों और असाधारण जीवन गाथा का उत्सव मनाने का अवसर प्रदान करेगा. भारतीय वायु सेना के पहले एयर चीफ मार्शल रहे अर्जन सिंह को जनवरी 2002 में भारत सरकार ने वायु सेना के मार्शल के पद से सम्मानित किया था, जिससे वे भारतीय वायु सेना के पहले और एकमात्र ‘फाइव स्टार‘ रैंक अधिकारी बन गए थे.
याद रहे कि वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस का जन्म 15 अप्रैल, 1919 को वर्तमान पाकिस्तान के लायलपुर- अब फैसलाबाद में हुआ था. वह 1938 में आरएएफ क्रैनवेल में शामिल हुए. द्वितीय विश्व युद्ध में बर्मा अभियान के दौरान उनके उत्कृष्ट नेतृत्व, महान कौशल और साहस के लिए उन्हें 1944 में विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस से सम्मानित किया गया था. 1 अगस्त, 1964 को उन्होंने एयर मार्शल के पद पर वायु सेना प्रमुख का पदभार संभाला. मार्शल ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में वायु सेना को शानदार जीत दिलाई. इस युद्ध में वायु सेना के योगदान को मान्यता देते हुए वायु सेना अध्यक्ष की रैंक को अपग्रेड करके एयर चीफ मार्शल कर दिया गया और अर्जन सिंह भारतीय वायु सेना के पहले एयर चीफ मार्शल बने. 1965 के युद्ध में उनके योगदान के लिए उन्हें राष्ट्रपति द्वारा पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया था. दो रैंकों में वायु सेना प्रमुख के रूप में पांच साल पूरे करने पर, अर्जन सिंह 16 जुलाई, 1969 को सेवानिवृत्त हो गए. सेवानिवृत्ति के बाद, वह स्विट्जरलैंड में भारत के राजदूत, केन्या में उच्चायुक्त, आईआईटी दिल्ली के अध्यक्ष और दिल्ली के उपराज्यपाल के रूप में देश की सेवा करते रहे.
सिंह 2017 में अपने निधन तक वायु सेना के मार्शल रहे. वायुसेना ने इस महान जांबाज मार्शल के समर्पण, दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता से देशवासियों, सेवा कर्मियों और नागरिकों को प्रेरित करने के लिए वार्षिक आधार पर इस व्याख्यान को आयोजन कर रही है.