गाजियाबाद: स्थानीय सेठ मुकंद लाल इंटर कालेज में अयोध्या में प्रभु राम की प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में संस्कार भारती गाजियाबाद की ओर से श्री राम काव्योत्सव का आयोजन हुआ, जिसकी अध्यक्षता गीतकार डा जयसिंह आर्य ने की. कार्यक्रम में एक सौ आठ कवि-कवयित्रियों ने भ्गवान राम पर कविताएं पढ़ीं. कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग प्रचारक रोहित, व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री अशोक गोयल, विश्व हिंदू परिषद महानगर के अध्यक्ष आलोक गर्ग, संगठन मंत्री मनीष सिसोदिया, धर्म यात्रा महासंघ पश्चिमी उत्तर प्रदेश के महामंत्री मदन गोपाल शर्मा और रेड क्रास सोसाइटी महानगर के सभापति सुभाष गुप्ता की उपस्थिति रही. कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ. संस्कार भारती की साहित्य विधा प्रमुख डा निवेदिता शर्मा ने मां सरस्वती की वंदना की. कार्यकारी साहित्य विधा प्रमुख बृजनंदन पचौरी ने संस्कार भारती का ध्येय गीत सुनाया. अतिथियों के सम्मान के बाद काव्य-पाठ प्रारंभ हुआ. सभी कवियों ने एक से बढ़कर एक रचनाएं सुनाईं.
कुछ कविताओं की बानगी देखें. अवधेश तिवारी ने सुनाया, ‘घट-घट में जिनका नाम, मर्यादा पुरुषोत्तम राम, प्रेम से बोलो जय श्री राम…; चेतन आनंद ने पढ़ा, ‘गुण गाओ श्री राम के, भाग्य खुले हैं देखिए, आज अयोध्या धाम के…; रामआसरे गोयल ने पढ़ा, ‘शबरी की तरह व्याकुल थी जन-जन की अभिलाषा, हो रही अयोध्या जैसी मन मंदिर की रख आशा…‘; डाक्टर निवेदिता शर्मा ने ‘स्वर्ग सरीखी सजी अयोध्या घर-घर दीप जले… सुनाया, तो गार्गी कौशिक ने पढ़ा, ‘राम नाम से रात है राम नाम से भोर…‘; राजीव पांडे की कविता थी, ‘अक्षत रोली चंदन लेकर मर्यादा के दर्शन में, आज सनातन एक हुआ है प्रभु की प्राण प्रतिष्ठा में….‘; डा जयप्रकाश मिश्रा ने पढ़ा, ‘सृष्टि के रचयिता नियति को मानते हैं, उनके ही नाम से हम दुनिया को जानते हैं…‘ मधु चतुर्वेदी का गीत था, ‘राम नहीं बस नाम, शक्ति का पुंज प्रखर है, दिग दिगन्त में गुंजित, पूत प्रणव का स्वर है…‘; डा श्वेता त्यागी ने ‘राम को ही लाना, राम गुण गाना है…‘ सुनाया. डा वीना मित्तल ने राम पर हाइकु सुनाए- ‘राम पधारे, सबके घर द्वारे, हुए उजारे‘. डा सरिता गर्ग का गीत था, ‘युग युग तक राम रहेंगे‘ तो कार्यक्रम अध्यक्ष डा जयसिंह आर्य की रचना थी, ‘श्री राम से लौ लगाने चला हूं, मैं गीतों की सरयू बहाने चला हूं…