धर्मशालाः अखिल भारतीय हिंदी प्रकाशक संघ ने वरिष्ठ साहित्यकार महेश दर्पण को हिंदी साहित्य में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया. हिंदी प्रकाशक संघ द्वारा आयोजित 58वें वार्षिक सम्मेलन में दर्पण को 11000 रुपए नकद, प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह तथा शाल भेंट कर सम्मानित किया गया. संघ ने इस मौके पर पत्रकार दयानंद पांडे को भी सम्मानित किया. दर्पण ने कहा कि लेखक जब शब्द का प्रयोग करता है और प्रकाशक उसे पुस्तक के रूप में सामने रखता है, तो इससे दुनिया में बदलाव आता है. सबसे महत्त्वपूर्ण है ईमानदारी, और ईमानदार होकर काम करने से ही इनसानियत बची रहती है.
दर्पण ने कहा कि समाज को बचाना साहित्यकार और लेखक की जिम्मेदारी है और यह आवश्यक है. यदि हम समाज को नहीं बचा सकते हैं, तो यह कहने का कोई औचित्य नहीं है कि हम बड़े लेखक और प्रकाशक हैं. उन्होंने कहा कि जिन लेखकों को कोई नहीं जानता था, हिंदी ने ऐसे कई लेखकों को महत्त्वपूर्ण लेखक बनाया है. वहीं कवि एवं पत्रकार राधेश्याम तिवारी, लेखिका पुष्पा सिंह विसेन, दयानंद पांडे और डा श्याम सिंह शशि ने कहा कि लिखते रहना और पढ़ते रहने में ही जीवंतता है और इस जीवंतता को बनाए रखने की आवश्यकता है.