झांसी: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में चल रहे सात दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेला को लेकर प्रतिभाग करने वाले पुस्तक विक्रेताओं, साहित्य प्रेमियों और युवाओं में खूब उत्साह दिखाई दिया. सभी स्टालों पर छात्रों की भारी भीड़ दिख रही है. मेले के शुरुआती दिनों में ही लेखक से मिलिए कार्यक्रम में प्रसिद्ध साहित्यकार प्रो देवेंद्र युवाओं से मुखातिब हुए. उन्होंने युवाओं से सृजनात्मक लेखन पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहानी लिखने की बारीकियों के बारे में बताया. उन्होंने अपनी कहानी शहर कोतवाल की कविता भी युवाओं को सुनाई. कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नव नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सिद्धार्थ सिंह ने कहा कि किसी भी चीज का सृजन करना एक तपस्या के समान है. साहित्यिक सृजन भी ऐसे ही होती है. एक कहानी जो हम पढ़ते हैं, उसे लिखने में कहानीकार की कई दिन की मेहनत होती है. हर एक शब्द का चयन वह बेहद बारीकी से करते हैं. शब्दों के माध्यम से पाठक को बांध कर रखना एक खास कला है.
स्वागत एवं आभार प्रोफेसर मुन्ना तिवारी ने ज्ञापित किया. संचालन डा श्रीहरि त्रिपाठी ने किया. कार्यक्रम के उपरांत बुंदेलखंड विश्वविद्यालय तथा नव नालंदा विश्वविद्यालय, बिहार के बीच एक एमओयू भी किया गया. बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर मुकेश पांडे और नव नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सिद्धार्थ सिंह ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए. दोनों कुलपतियों ने कहा कि यह एमओयू बुंदेलखंड और नालंदा के बीच नए संबंधों का हल्दी कुमकुम होगा. दोनों विश्वविद्यालयों के बीच शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक एक्सचेंज प्रोग्राम चलाए जाएंगे. नालंदा के जो विद्यार्थी बौद्ध धर्म पर शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, वह ललितपुर में स्थित भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों को भी देख पायेंगे. पुस्तक मेला में शाम को हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विद्यार्थियों एवं नीरज एंड पार्टी की रंगारंग प्रस्तुतियों ने सभी को आनंदित किया. इस अवसर पर डा अचला पांडेय, डा बिपिन प्रसाद, नवीन चंद्र पटेल, डा प्रेमलता श्रीवास्तव, डा सुधा दीक्षित, डा शैलेंद्र तिवारी, डा द्यूती मालिनी, डा आशीष दीक्षित, डा सत्येंद्र चौधरी, डा सुनीता वर्मा, डा आशुतोष शर्मा, डा राघवेंद्र, कपिल शर्मा, डा रामनरेश, डा जोगेंद्र, गरिमा, रिचा सेंगर, आकांक्षा सिंह, मंजरी, मनीष मंडल, विशाल, अजय तिवारी समेत कई अन्य शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी आदि मौजूद रहे.