नई दिल्ली: “कृत्रिम बुद्धिमत्ता भविष्य की अवधारणा नहीं है, बल्कि वर्तमान की एक वास्तविकता है जो इस्पात उत्पादन की नींव को नए सिरे से परिभाषित कर रही है.” इस्पात मंत्रालय के सचिव संदीप पौंड्रिक ने राजधानी में ‘इस्पात उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मशीन लर्निंग’ पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही. इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस्पात निर्माण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की परिवर्तनकारी क्षमता का गहराई से अध्ययन करना और मूल्य श्रृंखला में दक्षता बढ़ाने के लिए घरेलू इस्पात उद्योग में इसके एकीकरण के लिए प्रयास करना था. यह स्थिरता और वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल करके उद्योग के लिए एक उदाहरण स्थापित करता है. यह कार्यक्रम इस्पात मंत्रालय की प्रौद्योगिकीय प्रगति को अपनाने तथा सेल जैसी कंपनियों को एक सुदृढ़ एवं टिकाऊ भविष्य बनाने में सहयोग देने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
इस अवसर पर एएमडी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और मुख्य सूचना अधिकारी हसमुख रंजन ने इस्पात निर्माण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्रांतिकारी क्षमताओं और उद्योग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के उपयोग के दायरे पर बहुमूल्य जानकारी साझा की. उन्होंने कहा, “कृत्रिम बुद्धिमत्ता हमारी नवाचार यात्रा के मूल में है, जो परिचालन दक्षता बढ़ाने और प्रभावशाली परिणाम देने वाले परिवर्तनकारी समाधानों को आगे बढ़ाता है.” इस सत्र में सेल, एनएमडीसी और एमएसटीसी द्वारा प्रस्तुतियां भी दी गईं, जिसमें इस्पात उत्पादन, खनन परिचालन और खरीद प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण में कृत्रिम बुद्धिमत्ता ‘एआई’ के वर्तमान उपयोग और भविष्य की संभावनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया. इन प्रस्तुतियों में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि कैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता परिचालन दक्षता को बढ़ाने के साथ नवाचार को बढ़ावा दे रहा है और इस्पात उद्योग के भीतर सतत प्रथाओं का समर्थन कर रहा है.