नई दिल्ली: नई कहानी आंदोलन की त्रयी के सदस्य और संपादक राजेन्द्र यादव की स्मृति में दिया जाने वाला ‘राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान‘ नवोदित लेखिका नाजिश अंसारी को उनकी कहानी ‘हराम‘ के लिए दिया गया. इस साल कुल 10 श्रेणियों में पुरस्कार प्रदान किए गए. राजेन्द्र यादव की स्मृति में आयोजित इस समारोह में ‘हंस‘ पत्रिका में प्रकाशित राजेन्द्र यादव की संपादकीय ‘तेरी मेरी उसकी बात‘ का संकलन भी छह खंडों में जारी किया गया. इस अवसर पर आलोचक, कवि और गद्यकार विश्वनाथ त्रिपाठी ने राजेन्द्र यादव को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि राजेन्द्र यादव ने नई कहानी को न केवल दिशा दी बल्कि हिंदी साहित्य की अस्मिता को उस दौर में संरक्षित किया, जब हिंदी साहित्य का अस्तित्व खतरे में महसूस किया जा रहा था. उन्होंने राजेन्द्र यादव को याद करते हुए कहा कि उनकी लेखनी व्यवस्था पर कड़े प्रहार करने, सवाल उठाने और व्यवस्था के सीने में कांटे की तरह चुभने वाली थी, जिसने न केवल सामाजिक मूल्यों की नए सिरे से व्याख्या पर बल दिया बल्कि क्रांतिकारी लेखकों की एक नई जमात पैदा की. वरिष्ठ कवि, आलोचक और संस्कृतिकर्मी अशोक वाजपेयी ने राजेन्द्र यादव संग अपने संबंधों को याद किया.
इस अवसर पर समालोचक पंकज बिष्ट ने वर्ष 2023 के लिए ‘राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान‘ की घोषणा करते हुए कहा कि एक कहानीकार की कलम में ठहरे हुए समाज में हलचल पैदा करने और उसके मूल्यों को बदलने की ताकत होनी चाहिए. राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान श्रेणी में नाजिश अंसारी का मुकाबला उजला लोहिया की कहानी ‘पीली दीवार वाला नरक‘ और लक्षमेंद्र चोपड़ा की कहानी ‘पृथ्वी के लिए प्रार्थना‘ से था. हंस के संपादक संजय सहाय ने बताया कि पहले केवल ‘राजेन्द्र यादव हंस कथा सम्मान‘ प्रदान किया जाता था, लेकिन अब इसका विस्तार करते हुए विभिन्न श्रेणियों को भी इसमें शामिल किया गया है जिनमें ‘राजेन्द्र यादव हंस कविता सम्मान‘, ‘राजेन्द्र यादव हंस अनूदित कथा सम्मान‘, ‘राजेन्द्र यादव हंस लेख सम्मान‘, ‘राजेन्द्र यादव हंस समीक्षा सम्मान‘, ‘राजेन्द्र यादव हंस लघुकथा सम्मान‘, ‘राजेन्द्र यादव हंस आवरण सम्मान‘, ‘राजेन्द्र यादव हंस पत्र सम्मान‘, ‘हंस विक्रेता सम्मान‘ और ‘हंस युवा कथा सम्मान‘ शामिल हैं. वर्ष 2023 के लिए हंस युवा कथा सम्मान मानवी वहाणे को उनकी कहानी ‘आत्महंता‘ के लिए; आवरण पुरस्कार हंस के दिसंबर 2022 के अंक के लिए दिनेश खन्ना को; हंस लघुकथा सम्मान विजय उपाध्याय को; हंस पत्र सम्मान रामनिवास सिंह यादव को; हंस समीक्षा सम्मान अमिष वर्मा को ‘युद्ध, स्त्री और प्रेम का त्रिकोण‘ के लिए; राजेन्द्र यादव हंस लेख सम्मान रामशंकर सिंह को ‘हसरतों का लोकतंत्र‘ के लिए और राजेन्द्र यादव हंस गजल सम्मान देवेन्द्र गौतम को प्रदान किया गया. युवा कवयित्री नताशा को हंस कविता सम्मान और पूजा संचेती को हंस अनूदित कथा सम्मान से नवाजा गया. पुरस्कार के रूप में स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए.