काजीरंगा: “अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट पूर्वोत्तर भारत की समृद्ध संस्कृति और विविधता को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने का उल्लेखनीय अवसर तो है ही साथ ही यह दुनिया भर के लोगों को इस क्षेत्र की असाधारण विरासत को देखने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है.” यह बात केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कही. उन्होंने अपने संबोधन में पूर्वोत्तर की विरासतसांस्कृतिक विविधता और प्राकृतिक संपदा को रेखांकित किया तथा इसके समृद्ध व्यंजनोंशिल्प और जैव विविधता पर जोर दिया. काजीरंगा में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट की मेजबानी के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय स्तर पर पूर्वोत्तर के बढ़ते महत्त्व को दर्शाता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि काजीरंगा में अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट का आयोजन काजीरंगा को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किए जाने की 50वीं वर्षगांठ के जश्न के साथ मेल खाता है. उन्होंने सहमति जताई कि पार्क का क्षेत्रफल पिछले 10 वर्षों में 400 वर्ग किलोमीटर से बढ़कर 1,300 वर्ग किलोमीटर हुआ है जो उल्लेखनीय विकास है. यह आयोजन न केवल काजीरंगा की विरासत का जश्न हैबल्कि पूर्वोत्तर की विशाल पर्यटन संभावनाओं को तलाशने के लिए एक मंच भी प्रदान करता है. शेखावत ने कहा कि इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और यह मार्ट इसे बढ़ाने के लिए एक प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है. केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि आने वाले वर्षों में भारत की पर्यटन क्षमता और अधिक बढ़ेगीतथा इसमें पूर्वोत्तर महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. याद रहे कि अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट में 30 देशों से अधिकतम भागीदारी देखी गई हैजिसमें स्पेनम्यांमारथाईलैंडभूटानइटलीवियतनामरूसश्रीलंकाइंडोनेशियामलेशिया और फ्रांस के 15 अंतर्राष्ट्रीय प्रभावशाली व्यक्ति और फ्रांसयूकेस्पेननीदरलैंडरूसथाईलैंडवियतनामब्रुनेईलाओसफिलीपींसमलेशियानेपालम्यांमारभूटानश्रीलंका और डेनमार्क सहित 16 देशों के 24 अंतर्राष्ट्रीय टूर आपरेटर साथ ही कोरियानीदरलैंडसेशेल्सकेन्याजाम्बियाबोत्सवानायुगांडातंजानियाइथियोपियानाइजीरियातुर्कमेनिस्तानलाओससीरियाम्यांमारश्रीलंकानेपाल और बांग्लादेश सहित 17 देशों के 20 अंतर्राष्ट्रीय छात्र शामिल हैं.

असम के मुख्यमंत्री डा हिमंता बिस्वा सरमा ने अपने संबोधन में कहा कि यह मार्ट अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और वैश्विक प्रभावशाली लोगों को क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता और सांस्कृतिक समृद्धि को देखने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है. उन्होंने कहा कि यह आयोजन पूर्वोत्तर में पर्यटन की विशाल संभावनाओं को न केवल उद्योग के रूप में बल्कि सांस्कृतिक आदान-प्रदानपारिस्थितिकी संरक्षण और आर्थिक विकास के लिए एक परिवर्तनकारी ताकत के रूप में भी उजागर करेगा. असम के काजीरंगा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपनी विविध स्थलाकृतिसमृद्ध वनस्पतियों और जीवोंजीवंत जातीय समुदायोंप्राचीन परंपराओंत्योहारों और प्रचुर कला और शिल्प के लिए प्रसिद्ध है. यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल और शानदार एक सींग वाले गैंडे का आवास स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान इस आयोजन के आकर्षण को और बढ़ा देता है. इस अवसर पर असम पर्यटन विकास निगम लिमिटेड द्वारा प्रकाशित काफी टेबल बुक ‘गुवाहाटी एंड अराउंड‘ का भी विमोचन किया गया. यह पुस्तक गुवाहाटी और उसके सुरम्य परिवेश की समृद्ध विरासतसंस्कृति और विविधता पर व्यापक नजर डालती है. यह पुस्तक शब्दों में एक दृश्य टेपेस्ट्री है जो इस क्षेत्र के वास्तविक सार को दर्शाती है. अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट पूर्वोत्तर भारत के पर्यटन और सांस्कृतिक कौशल की कई उपलब्धियों का जश्न है. इस साल जुलाई में ‘चराइदेव के मोइदम‘ को भारत के 43 वें यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में घोषित किया गया था. महान अहोम राजवंश के समय से सांस्कृतिक विरासत के रूप मेंविश्व धरोहर के रूप में उनकी घोषणा असम और पूर्वोत्तर भारत के विशाल पर्यटन और सांस्कृतिक महत्त्व का प्रमाण है. काजीरंगा को राष्ट्रीय उद्यान घोषित किए जाने के 50 साल पूरे होने का भी जश्न मनाया जा रहा है. इस वर्ष के मार्ट में कई तरह की गतिविधियां शामिल रहींजिनमें राज्य सरकारों द्वारा प्रस्तुतियांबी2बी बैठकेंरोजगारनवाचारडिजिटलीकरणयुवा उद्यमितावोकल फार लोकलमहिला सशक्तिकरणएडवेंचर टूरिज्म को आगे बढ़ाने पर केस स्टडीवन्यजीवों का संरक्षण और संवर्धनहोमस्टेवाइन टूरिज्मक्यूरेटेड फ़ूड डेमोन्स्ट्रेशनसांस्कृतिक संध्याएंलाइव म्यूजिकनार्थ ईस्ट बाजार और चराइदेव मोइदम्सरंगघरकाजीरंगा नेशनल पार्कहाथीकुली चाय बागान और आर्किड और बायोडायवर्सिटी पार्क के तकनीकी दौरे शामिल थे. कार्यक्रम के बाद नार्थ ईस्ट के विभिन्न स्थलों का एफएएम टूर भी इसका हिस्सा है.