इंदौर: विश्व हिंदी अकादमी मुंबई, मालवा रंगमंच उज्जैन एवं श्री मध्यभारत हिंदी साहित्य समिति के संयुक्त तत्वावधान में समिति में हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. मां शारदे की वंदना डा शशि निगम ने प्रस्तुत की. इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में मुंबई से आए फिल्मी गीतकार प्रदीप शर्मा ‘खुसरो‘ का अभिनंदन किया गया और उन्हें राजवाड़ा की कृति प्रदान की गई. शर्मा ने इस अवसर पर महान शायर, कवि, प्रकृति आराधक और हिंदी को नई दिशा देने वाले अमीर खुसरो के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ ललित निबंधकार नर्मदा प्रसाद उपाध्याय ने एक ओर कवि खुसरो के साहित्यिक अवदान पर प्रकाश डाला, वहीं यह भी कहा कि आज हिंदी की स्थिति बहुत अच्छी है. संविधान में राजभाषा बना दिया गया पर राष्ट्रभाषा का भाव अधर में लटक गया.
उपाध्याय ने संवैधानिक चर्चा के साथ स्पष्ट किया कि राजनीति के क्षेत्र में हिंदी के प्रति नेताओं की इच्छाशक्ति नकारात्मक है, इसीलिए हिंदी को लेकर विवाद बना रहता है. उन्होंने कहा कि पखवाड़े से हिंदी की यात्रा की जाए, परिक्रमा नहीं. कार्यक्रम के अध्यक्ष इतिहासविद् डा शरद पगारे ने अमीर खुसरो के हिंदी प्रेम, प्रकृति, सूफी प्रभाव पर चर्चा की तथा कुछ प्रसिद्ध दोहे सुनाए. स्वागत उद्बोधन समिति के प्रधानमंत्री अरविंद जवलेकर ने दिया. परिचय साहित्य मंत्री डा पद्मा सिंह ने दिया. संचालन प्रचार मंत्री हरेराम वाजपेयी ने किया. प्रदीप नवीन ने आभार माना. इस अवसर पर शोधमंत्री डा पुष्पेन्द्र दुबे, सूर्यकांत नागर, डा अखिलेश राव, डा संध्या जैन, डा संध्या गंगराडे, सदाशिव कौतुक, प्रभु त्रिवेदी, मुकेश तिवारी, त्र्यम्बक चान्दोरकर, अनिल ओझा, संयोजक एसएन गोयल, छोटेलाल भारती, वाणी अमित जोशी, डा आरती दुबे, श्री कुलकर्णी, विजय सिंह चौहान आदि बड़ी संख्या में साहित्यकार एवं सुधीजन उपस्थित थे.