रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य में साहित्यिक वातावरण को सुदृढ़ करने के लिए आजादी की 76वीं वर्षगांठ पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान देने की घोषणा की है. स्थानीय पुलिस परेड मैदान में ध्वजारोहण और परेड की सलामी लेने के बाद प्रदेशवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस आशय की घोषणा की और बताया कि छत्तीसगढ़ साहित्य अकादमी सम्मान तीन श्रेणियों में दिया जाएगा. इनमें पहली श्रेणी के पुरस्कार के अंतर्गत छत्तीसगढ़ी तथा अन्य बोली जैसे गोंडी, हल्बी, सरगुजिया में लिखे गए साहित्य के लिए, दूसरी श्रेणी के अंतर्गत हिंदी पद्य के लिए तथा तृतीय श्रेणी के अंतर्गत हिंदी गद्य के लिए यह पुरस्कार दिए जाएंगे. इन पुरस्कारों के तहत हर श्रेणी में सम्मानित साहित्यकारों को पांच लाख रुपए नकद एवं प्रशस्ति-पत्र प्रदान किए जाएंगे. अन्य कई घोषणाओं के बीच बघेल ने मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी की लड़ाई से न्याय और लोकतंत्र का अमृत निकला. वास्तव में यह मानवता को तरह-तरह के अत्याचारों और अन्यायों से मुक्त कराने की बड़ी लड़ाई थी, जिसका संदेश पूरी दुनिया में गया.
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में एक नया सफर शुरू हुआ है, जिसमें हमने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का जो संकल्प लिया था, उसे पूरा करने का काम जी-जान से कर रहे हैं. उन्होंने राज्य में प्रचलित भाषाओं और बोलियों को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि अगले सत्र से छत्तीसगढ़ी भाषा एवं आदिवासी क्षेत्रों के स्थानीय बोली को कक्षा पहली से कक्षा पांचवीं तक पाठ्यक्रम के एक विषय के रूप में सम्मिलित किया जाएगा. राज्य के शिक्षाविदों और साहित्यकारों ने इस पहल को सकारात्मक बताते हुए खुशी जाहिर की कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अन्य लोकलुभावन घोषणाओं के बीच राज्य के मुख्यमंत्री ने साहित्य और शिक्षा को भी अपनी प्राथमिकता में रखा. इस अवसर पर उन्होंने कचहरी चौक स्थित टाउन हॉल में जनसंपर्क विभाग द्वारा आयोजित छायाचित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ भी किया. इस प्रदर्शनी में देश के स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारियों की स्मृतियों को सुसज्जित ढंग से प्रदर्शित किया गया है. प्रदर्शनी में आजादी की लड़ाई में छत्तीसगढ़ के क्रांतिकारियों का योगदान और उनके महत्त्वपूर्ण दस्तावेज, स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान उनकी जीवन यात्रा, जंगल सत्याग्रह, भारत छोड़ो आंदोलन एवं स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ी विभिन्न गतिविधियों में उनके योगदानों को प्रदर्शित किया गया है.