सोलन: “साहित्य और संस्कृति एक दूसरे के पूरक हैं तथा साहित्य के माध्यम से संस्कृति जन-जन तक पहुंचती है.” यह बात उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा ने कही. शर्मा सिरमौर कल्याण मंच सोलन द्वारा हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री  स्व. डा यशवंत सिंह परमार की 118वीं जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय विचार गोष्ठी एवं कवि सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे. आयोजकों द्वारा सुबह सवेरे माता शूलिनी के मंदिर में पूजा अर्चना के बाद सोलन के चिल्ड्रन पार्क में डा परमार की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया. इस अवसर पर रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया. जिसमें 60 रक्तदाताओं ने रक्तदान किया. इस अवसर पर मनमोहन शर्मा ने कहा कि राजनीति के साथ-साथ साहित्य की विभिन्न धाराएं संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती रही हैं. उन्होंने कहा कि साहित्य ज्ञान का बड़ा स्रोत है. साहित्य के माध्यम से विभिन्न विषयों को समाज के सामने प्रस्तुत किया जाता हैऔर समाज बेहतर दिशा की ओर अग्रसर हो सकता है. उन्होंने कहा कि साहित्यकारों ने सदैव ही आम लोगों की समस्याओं को उजागर करते हुए समाधान के लिए लोगों को प्रेरित किया है.

उपायुक्त ने कहा कि प्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री डा यशवंत सिंह परमार ने हिमाचल के विकास को दिशा देने के साथ-साथ पहाड़ की संस्कृति के प्रचार-प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है. उन्होंने कहा कि डा परमार पहाड़ की संस्कृति से विशिष्ट लगाव रखते थे और उनका सदा यह प्रयास रहा कि पहाड़ की संस्कृतिलोक परम्पराओं और हस्तशिल्प को विश्व में पहचान दी जाए. उन्होंने अपने सरल जीवन के माध्यम से हिमाचली संस्कृति की जानकारी लोगों तक पहुंचाई. उपायुक्त ने केआर कश्यप द्वारा लिखित ‘सोलन जन-पद की लोक कथाएं‘ पुस्तक का विमोचन भी किया.  इस अवसर पर जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमारग्राम पंचायत नौणी के प्रधान मदन हिमाचलीसिरमौर कल्याण मंच सोलन के अध्यक्ष प्रदीपमहासचिव यशपाल कपूरउपाध्यक्ष एसएस परमारबलदेव चौहानगगन चौहानसतपाल ठाकुरवीरेन्द्र कंवररमेश शर्मानरेन्द्र चौहानराजेन्द्र थापारीचा शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे.