लखनऊ: ’18वीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के विधानसभा में संपूर्ण संबोधन‘ का विमोचन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया. यह पुस्तक समाजवादी शिक्षक सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और यश भारती से सम्मानित मणेन्द्र मिश्रा ‘मशाल‘ ने लिखी है. समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में कन्नौज से सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि संवैधानिक व्यवस्था में सदन के भाषण विशेष महत्त्व के होते हैं. यादव ने भारतरत्न डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए कहा कि वे शिक्षक, दार्शनिक और इंजीनियर भी थे. उन्होंने मैसूर में वृंदावन गार्डेन की शानदार परिकल्पना की थी. यादव ने कहा कि दुनिया में वही देश आगे बढ़े हैं जहां अच्छी शिक्षा है और शिक्षकों का सम्मान होता है. बाबा साहब डा भीमराव अम्बेडकर, स्वामी विवेकानंद से लेकर तमाम महापुरूषों ने शिक्षा के महत्त्व पर अपने विचार रखे हैं.
यादव ने कहा कि पुस्तक के संपादन के लिए मणेन्द्र मिश्र बधाई के पात्र हैं. पुस्तक का प्रकाशन समाजवादी अध्ययन केंद्र सिद्धार्थनगर ने किया. पुस्तक का आमुख नेता विरोधी दल माता प्रसाद पाण्डेय ने लिखा है. पुस्तक में उत्तर प्रदेश विधानसभा में मुख्यमंत्री रहने के दौरान अखिलेश यादव के बजटीय भाषण, महिलाओं के लिए आहूत विशेष सत्र के संबोधन सहित कई महत्त्वपूर्ण भाषण शामिल हैं. पुस्तक के लेखक इलाहाबाद विश्वविद्यालय के पूर्व अतिथि प्रवक्ता मणेन्द्र मिश्र ने पूर्व मुख्यमंत्री को उनके सैनिक स्कूल के शिक्षकों की स्मृतियों से जुड़ा प्रतीक चिह्न भेंट किया. इस अवसर पर पूर्व कैबिनेट मंत्री, एमएलसी राजेंद्र चौधरी, पूर्व कुलपति शिक्षक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो बी पांडेय, नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद बिहारी लाल यादव, सदस्य विधान परिषद झांसी इलाहाबाद खंड डा मान सिंह यादव, वाराणसी स्नातक एमएलसी आशुतोष सिन्हा, शिक्षक सभा राष्ट्रीय महासचिव कुलदीप यादव सहित अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे.