शिमला हिमाचल प्रदेश में वरिष्ठ साहित्यकार एस आर हरनोट की अगुआई में 'जो सृजन में अमर हैं' की भावना के साथ हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच दिसंबर माह में उन साहित्यकारों को याद कर रहा है, जिन्हें हिमालय मंच ने सम्मानित किया था और वे आज हमारे मध्य नहीं है. हरनोट के मुताबिक, “इस कार्यक्रम की पहली कड़ी में हम शिमला और आसपास के कुछ दिवंगत लेखकों को भी शामिल कर रहे हैं. इसके बाद यह सिलसिला जारी रहेगा और धीरे-धीरे हम सभी को याद करेंगे. हिमालय मंच यह पहल कर रहा है और साथ ही प्रदेश की साहित्यिक संस्थाओं से भी निवेदन है कि वे भी अपने-अपने क्षेत्रों से बिछुड़े लेखकों को जरूर स्मरण करें. इसमें कला, संस्कृति, पर्यावरण और रंगमंच इत्यादि से जुड़े लोग भी शामिल रहेंगे. ये उन्हें एक विनम्र श्रद्धांजलि भी होगी. पहला आयोजन 25 दिसंबर से 2 जनवरी, 2022 तक शिमला गेयटी थियेटर में हिमाचल अकादमी और ऑकार्ड इंडिया के संयुक्त संयोजन में आयोजित हो रहे लघु पुस्तक मेले के दौरान किया जाएगा.
“पूरे दिन के इस प्रथम आयोजन में हम एक एक लेखक पर दस से पंद्रह मिनट का एक वक्तव्य तैयार करवाएंगे और उनकी कृतियों से रचना पाठ भी. हमारा प्रयास रहेगा कि इस पहले आयोजन में हम सभी डॉ बंशीराम शर्मा, श्रीनिवास श्रीकांत, सरोज वशिष्ठ, डॉ मौलूराम ठाकुर, सत्येन शर्मा, मियां गोवर्धन सिंह, रामदयाल नीरज, तेजराम शर्मा, बद्री सिंह भाटिया, रत्न एस हिमेश, मधुकर भारती, अरुण भारती जैसे साहित्यकारों को स्मरण करें.” हरनोट ने साहित्यप्रेमियों से अपील की है कि उनका सहयोग और मार्गदर्शन अपेक्षित है. अगर सहयोग मिला तो यह आयोजन दो हिस्सों में भी हो सकता है अर्थात दो दिन. उन्होंने बताया कि इस आयोजन की हमारी अपनी सीमाएं हैं. यहां के साहित्य प्रेमी और संस्थाएं जुड़ेंगी तो हम इसे बड़ा रूप भी दे सकेंगे और छूट गए साहित्यकारों को भी शामिल कर सकेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि मियां गोवर्धन सिंह और रत्न एस हिमेश के रंगीन चित्र अभी तक उपलब्ध नहीं हुए हैं, जिन्हें प्राप्त करने की कोशिश हो रही है
“पूरे दिन के इस प्रथम आयोजन में हम एक एक लेखक पर दस से पंद्रह मिनट का एक वक्तव्य तैयार करवाएंगे और उनकी कृतियों से रचना पाठ भी. हमारा प्रयास रहेगा कि इस पहले आयोजन में हम सभी डॉ बंशीराम शर्मा, श्रीनिवास श्रीकांत, सरोज वशिष्ठ, डॉ मौलूराम ठाकुर, सत्येन शर्मा, मियां गोवर्धन सिंह, रामदयाल नीरज, तेजराम शर्मा, बद्री सिंह भाटिया, रत्न एस हिमेश, मधुकर भारती, अरुण भारती जैसे साहित्यकारों को स्मरण करें.” हरनोट ने साहित्यप्रेमियों से अपील की है कि उनका सहयोग और मार्गदर्शन अपेक्षित है. अगर सहयोग मिला तो यह आयोजन दो हिस्सों में भी हो सकता है अर्थात दो दिन. उन्होंने बताया कि इस आयोजन की हमारी अपनी सीमाएं हैं. यहां के साहित्य प्रेमी और संस्थाएं जुड़ेंगी तो हम इसे बड़ा रूप भी दे सकेंगे और छूट गए साहित्यकारों को भी शामिल कर सकेंगे. उन्होंने यह भी बताया कि मियां गोवर्धन सिंह और रत्न एस हिमेश के रंगीन चित्र अभी तक उपलब्ध नहीं हुए हैं, जिन्हें प्राप्त करने की कोशिश हो रही है