लखनऊ: बच्चों में रचनात्मकता और संचार कौशल, पठन संस्कृति का विकास करने के लिए विभिन्न प्रकार की कार्यशालाएं और सत्र गोमती पुस्तक महोत्सव में आयोजित किए गए. ‘शब्द संसार‘ के मंच पर पहला सत्र ‘आपकी कहानी मेरे शब्द- कहानी सुनें‘ विषय पर सीमा वाही मुखर्जी ने बच्चों को रोचक कहानी सुनाते हुए नृत्य करवाया. सीमा बच्चों से उनकी पसंदीदा कहानियों के नाम तथा उनके पसंदीदा किरदारों के बारे में भी बात की. उन्होंने ‘लेजेंड ऑफ द रेनबो‘ नामक कहानी सुनाई और इंद्रधनुष के रंगों के बारे में बच्चों से पूछा. उन्होंने कुछ बच्चों को इंद्रधनुष के रंगों का रूप भी दिया और सभी रंगों को उन्होंने गाने का रूप देकर बच्चों से उसे गवाया. दूसरे सत्र में राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसके माध्यम से विद्यार्थियों को जानकारी दी गई कि वह राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के ऐप पर उपलब्ध किताबों को निःशुल्क पढ़ सकते हैं. तीसरे सत्र का विषय अत्यंत रोचक ‘कथक से व्यक्तिव विकास- जगाएं आत्मविश्वास‘ था. इस सत्र में लखनऊ घराने की डा विष्णुप्रिया पांडे ने बच्चों को बताया कि कथक कथक हमें धैर्य, निरंतरता और पूर्णता सिखाता है. साथ ही उन्होंने बच्चों को बताया की कथक एक ऐसी कला है जो व्यक्तित्व के विकास में भी सहायक है. उन्होंने ये भी बताया कि अगर आपको अपने संचार पर काम करना है तो सबसे पहले अपने विचार पर काम करना पड़ेगा. उन्होंने इसके साथ यह भी कहा कि मन में विचार का विकास अनुभव, ज्ञान और अवलोकन से होता है. बच्चों को सीख देते हुए उन्होंने कहा कि कभी अपनी तुलना दूसरों से ना कीजिए, अपनी तुलना खुद से कीजिए खुद को बेहतर बनाइए. उन्होंने कविता ‘बच्चों तुम बहुत खास हो, जब भी सोचें अच्छा सोचें, सीधा सच्चा रस्ता सोचें‘ सुनाई. बच्चों ने भी उनकी कविताएं गुनगुनाई.
शब्द संसार मंच के आखिरी सत्र का विषय ‘स्मार्ट डिफेंस- एआई के युग में साइबर सुरक्षा की जानकारी‘ बच्चों के लिए काफी रोमांचक रहा है. इस सत्र में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ लक्षित वर्मा ने बच्चों को समझाया कि अगर आप आनलाइन कुछ भी जानकारी एवं फोटो आदि पोस्ट कर रहे हैं तो वो हमेशा इंटरनेट पर रहेगी. भले ही आपने उसे खुद डिलीट कर दिया हो. उन्होंने बच्चों को साइबर सुरक्षा से जुड़ी कई महत्त्वपूर्ण जानकारियां दी, जैसे कैसे एक क्लिक पर आपका पूरा फोन हैक हो जाता है. कैसे आप अपने परिवार जनों को साइबर ठगी से बचा सकते हैं. डिफेक क्या होता है और कैसे टू-फैक्टर अथेंटिकेशन से हम साइबर धोखे से बच सकते हैं. लक्षित ने इस सत्र में उपस्थित सभी को ये सुझाव भी दिया कि इंटरनेट पर कुछ भी डालते समय बहुत ही सावधानी बरतें. अपनी लोकेशन और इंस्टाग्राम आईडी प्राइवेट रखें. इसके अलावा उन्होंने 1930 हेल्पलाइन नंबर के बारे में भी जानकारी देते हुए बताया कि आप साइबर से जुड़ी किसी भी तरह की शिकायतें कर सकते हैं. इस सत्र के दौरान बच्चों और दर्शकों ने उनसे साइबर सुरक्षा से जुड़े कई सवाल भी पूछे और उन्होंने सबका उत्तर बहुत ही धैर्य से दिया. ये सत्र सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण रहा.