तिर्वा: आजादी के अमृत महोत्सव पर पूरे देश में हिंदी साहित्य जगत उत्साहित है. इस अवसर पर केवल महानगर ही नहीं बल्कि बड़े शहर और कस्बे भी पीछे नहीं हैं. स्थानीय सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज में एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कवि सम्मेलन में वीर रस की कविताओं ने जहां दर्शकों को उत्साहित किया, वहीं हास्य रस ने लोटपोट किया, तो श्रृंगार रस को सुनकर काव्य प्रेमी प्रेमरस में भींगते रहे. इस कवि सम्मेलन में मेरठ, चंदौली, मध्य प्रदेश, कासगंज, एटा व कानपुर से आए कवियों ने अपना काव्य पाठ किया. कवि सम्मेलन का उद्घाटन आयोजन समिति के अध्यक्ष डा. केपी विश्वास, प्रबंधक प्रदीप कुमार गुप्ता, प्रधानाचार्य अनिल कुमार मिश्र ने मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर श्रीगणेश किया.
कवि सम्मेलन में मेरठ से आई कवयित्री डॉ शुभम त्यागी ने मां सरस्वती और वीर रस की कविताएं सुनाई, तो एटा से आए कवि डॉ प्रशांत देव मिश्रा ने ‘सुन हिमखंडों की ओ रानी बन कर आऊं अवघड़ दानी, तू मेरी पार्वती मैं तेरा शिवम‘ सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया. कासगंज के कवि निर्मल सक्सेना ने ‘तेरी आंखों के समंदर में उतरना चाहूं‘ सुनाकर श्रोताओं को खूब लुभाया. मध्यप्रदेश के देवास से आए कवि पंकज जोशी ने हास्य कविताएं सुनाई. इस कवि के व्यंग्य को सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गए. इस मौके पर वीरेश गुप्ता, सुशील कुमार समेत भारी संख्या में साहित्यप्रेमी, कवि और पत्रकार उपस्थित थे.