मुजफ्फरनगर: महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में मुजफ्फरनगर के डी.ए.वी. इंटर कालेज में 'सरोकार विशेष' के अन्तर्गत 'गांधी के विरुद्ध दुष्प्रचार का सच' विषयक व्याख्यान आयोजित हुआ. इस अवसर पर इतिहासकार, लेखक एवं राष्ट्रीय आन्दोलन फ्रंट के संयोजक डा. सौरभ बाजपेयी ने कहा कि धर्म और जाति का फर्क मिटाकर ही हम भारतीय बन सकते हैं. अपने से छोटे लोगों को आगे बढ़ाने पर ही भारतमाता खुश होंगी. आज हमसे भारत माता के नारे लगवाए जा रहे हैं लेकिन हमें यह नहीं पता है कि भारतमाता कौन हैं. इस कठिन दौर में हमें नेहरू के उस कथन को याद करना होगा जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत की जनता ही भारतमाता है. बाजपेयी ने गांधी के विरुद्ध हो रहे दुष्प्रचार का सच बताते हुए कहा कि महात्मा गांधी मजबूरी का नहीं बल्कि मजबूती का नाम हैं. गांधी की अहिंसा ने ही हमें निर्भय बनाया. भगत सिंह गांधी का सम्मान करते थे. उन्होंने कभी भी गांधी को अपशब्द नहीं कहे. भगत सिंह ने आजादी की लड़ाई का श्रेय भी गांधी को दिया. गांधी ने भी अपनी तरफ से भगत सिंह को फांसी से बचाने की कोशिश की लेकिन अंग्रेजी सरकार उग्र क्रान्तिकारियों को छोड़ने के पक्ष में नहीं थी.
सौरभ बाजपेयी ने कहा कि गांधी जी द्वारा चलाया गया स्वाधीनता आन्दोलन विश्व की कई महान क्रान्तियों की तुलना में अपना अलग वैशिष्ट्य रखता है. इतिहास की अन्य किसी क्रान्ति ने इतने समय तक इतनी बड़ी तादाद में लोगों को सक्रिय नहीं किया. अध्यक्षता करते हुए डी.ए.वी. कालेज के प्राचार्य शिवकुमार यादव ने कहा कि इस दौर में हम गांधी के आदर्शों को अपनाकर ही एक बेहतर समाज का निमार्ण कर सकते हैं. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा. आर. एम. तिवारी तथा विशिष्ट अतिथि एस.पी., यातायात बी.बी. चैरसिया रहे. कार्यक्रम के संयोजक रोहित कौशिक ने डा. सौरभ बाजपेयी का परिचय प्रस्तुत करते हुए कहा कि सोशल मीडिया के इस दौर में हमें गाँधी विचार को एक बार फिर युवाओं के बीच ले जाना होगा. कार्यक्रम में डी.ए.वी. इंटर कालेज के विद्यार्थियों सहित प्रो. जे.पी. सविता, डा. बी.के. मिश्र, परमेन्द्र सिंह, नेमपाल प्रजापति, शिवकुमार समन्वय, मास्टर विजय सिंह, डा. एन.एन. पंत, डा. गरिमा जैन, निहार रंजन, मोहित कौशिक, अम्बरीश गर्ग, योगेन्द्र सोम, कीर्तिवर्धन अग्रवाल एवं शहर के अनेक बुद्धिजीवी उपस्थित रहे.