फारबिसगंज: संवदिया के संपादक व हिंदी साहित्य में अपनी अलग पहचान बनाने वाले मांगन मिश्र मार्तण्ड को मध्य प्रदेश तुलसी साहित्य अकादमी, भोपाल द्वारा साहित्यिक क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए तुलसी साहित्य सम्मान 2020 से अलंकृत किया गया. याद रहे कि रानीगंज प्रखंड के परसाहाट के मूल निवासी एवं वर्तमान में फारबिसगंज के रहने वाले मिश्र सालों पहले स्थानीय थाना मध्य विद्यालय से प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद भी क्षेत्र में शिक्षा एवं साहित्यिक गतिविधियों की अनवरत अलख जला रहे हैं. शिक्षा और साहित्य के प्रति उनकी इस अभिरुचि और प्रेरणादायी पहल के कारण ही सन 2011 में जिला प्राथमिक शिक्षक संघ और तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा उन्हें लाइफ टाइम अचीवमेंट प्रमाण पत्र और कप देकर सम्मानित किया गया था.
भौतिक शास्त्र के साथ-साथ मैथिली एवं हिंदी भाषा के जानकार मिश्र अध्यापन काल में इन तीन विषयों के अलावा वे छात्र छात्राओं को इतिहास और भूगोल भी समान दक्षता से पढ़ाते थे. उन्होंने 1974 में शिक्षक पद पर, 1988 से  2011 में सेवानिवृत्त होने तक प्रधानाध्यापक के रूप में काम किया. उनका कविता संकलन 'अग्नि शिखा', 'कोहरे में कसमसाता सूरज' एवं कहानी संग्रह 'कासो कहौ दु:खवा हो रामा' काफी चर्चित रहा. तुलसी सम्मान से पहले उन्हें हिंदी भाषा साहित्य परिषद खगड़िया द्वारा जानकी वल्लभ शास्त्री स्मृति सम्मान 2019 भी प्रदान किया जा चुका है. मार्तण्ड को तुलसी साहित्य सम्मान मिलने पर डॉ अनुज प्रभात, विनोद तिवारी, हेमंत यादव शशि, हर्ष नारायण दास, अजातशत्रु अग्रवाल, विजय बंसल, दिलीप समदर्शी, सुरेश कंठ आदि साहित्यकारों ने बधाई दी है.