ग्रीसः अंतरराष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन यूनान ने एथेंस के होटल टिटानिया में 'सृजन गाथा' नामक पोर्टल और 'इंडो-हेलेनिक सोसायटी फॉर कल्चर एंड डेवलपमेंट-एथेंस' के संयुक्त तत्वावधान में 'सृजन सम्मान' का आयोजन किया. इस समारोह में भारत के कई लेखकों ने शिरकत की. इस दौरान चर्चित कथाकार निर्मला भुराड़िया को 'सृजन सम्मान' से नवाजा गया. ग्रीस के हिंदी सीख रहे युवाओं ने भी इस समारोह में हिंदी में अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए. भुराड़िया को यह सम्मान इंडो हेलेनिक सोसायटी फॉर कल्चर एंड डेवलपमेंट के अध्यक्ष डॉक्टर डिमिट्रियोस वसीलियाडिस के हाथों मिला. इस बाबत जागरण हिंदी के सहयोगी प्रकाशन नई दुनिया के साथ बातचीत में भुराड़िया ने बताया कि उन्हें यह सम्मान उनके उपन्यास 'गुलाम मंडी' के लिए मिला है. यह उपन्यास बांग्लादेश की सीमा पर बनी झुग्गियों से लेकर मुंबई के रेड लाइट और टेक्सास के स्ट्रिप क्लब तक फैली ह्यूमन ट्रैफिकिंग या मानव तस्करी के अंतरराष्ट्रीय स्तर के संगठित अपराध को उजागर करता है, और लोगों को इस मकड़जाल में उलझने से बचने की दिशा देता है.
'गुलाम मंडी' लिखने की प्रेरणा का जिक्र करते हुए भुराड़िया ने बताया कि अमेरिकी सरकार ने मुझे 'यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका इंटरनेशनल विजिटर्स प्रोग्राम' के तहत एक कार्यक्रम में आमंत्रित किया था, जिसका विषय था 'ट्रैफिकिंग इन पर्सन'. वहां मुझे अंतरराष्ट्रीय देह व्यापार के इस घृणित कारोबार के बारे में विस्तार से जानने का मौका मिला. 'गुलाम मंडी' के माध्यम से मैंने इसी को पाठकों से साझा कर उन्हें चेताने की कोशिश की है. निर्मला भुराड़िया ने बताया कि देह व्यापार के इस घृणित व्यवसाय में बोस्निया जैसे युद्ध से टूटे देशों की मासूम, बेबस बच्चियों से लेकर मैक्सिको जैसे देशों की लाचार स्त्रियां भी शामिल हैं, जिन्हें बहला-फुसलाकर, जबरदस्ती या फरेब के जरिए देह व्यापार के नर्क में धकेल दिया जाता है, इसके अलावा मैंने उपन्यास का एक पूरा ट्रैक किन्नरों को समर्पित किया है जिनकी दुनिया तरक्की के तमाम दावों के बावजूद अज्ञात, रहस्यमय और अंधेरी है. बावजूद इसके उपन्यास अकादमिक नहीं लगता. सम्मान समारोह में आयोजक जयप्रकाश मानस सहित कई लेखक व विद्वजन मंच पर उपस्थित थे. इससे पहले सृजन गाथा डॉट कॉम का यह सम्मान डॉ. सुधीर सक्सेना, एकांत श्रीवास्तव, संतोष श्रीवास्तव आदि को मिल चुका है.