भोपालः मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में गायन, वादन एवं नृत्य गतिविधियों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रृंखला 'उत्तराधिकार' में एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां होती ही रहती हैं. इस बार बारी ओड़िसी नृत्य की थी. उड़ीसा की 'ओम नम: शिवाय एवं यशोधरा' नृत्य की प्रस्तुतियों का मंचन संग्रहालय सभागार में हुआ. पदमश्री से सम्मानित ओड़िसी नृत्य के गुरू पंकजचरण दास की प्रस्तुति 'ओम नम: शिवाय ', अशोक कुमार घोसाल के निर्देशन में हुई. इस प्रस्तुति में हिन्दू धर्म के परम पूज्य आदि देवता भगवान शिवशंकर की आराधना पर वर्णित नृत्य प्रस्तुत किया गया. ओड़िसी कलाकारों ने इस नृत्य से भगवान शिव के विभिन्न स्वरूप महिमा की प्रस्तुति दी.

याद रहे कि ओड़िसी नृत्य में भक्ति रसधारा पर आधारित प्रस्तुतियां ही होती हैं. भगवान कृष्ण पर आधारित नृत्य में दूसरे भक्ति भावों को भी जोड़ दिया गया है. कलाकारों ने 'ओम नम: शिवाय' के बाद प्रस्तुत 'यशोधरा' में भगवान गौतम बुद्ध के जीवनवृत्तांत का वर्णन नृत्य के माध्यम से किया. गौतम बुद्ध द्वारा संसार के जीवन,मरण, दुखों की खोज में संसार और अपने परिवार का त्याग करके आत्मज्ञान का वृतान्त का वर्णन इस नृत्य के माध्यम से दिखाया गया. इस नृत्य प्रस्तुति में वंदिता, सृष्टि, रघुनाथ, सरोज, अर्पणा, उमरेश, विघ्नेश ने मंच पर मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को प्रभावित किया.