अमृतसरः 'जलियांवाला बाग को देखो, जहां चली थी गोलियां, एक तरफ बंदूकें दमदम, एक तरफ थी टोलियां, मरने वाले बोल रहे थे इंकलाब की बोलियां…' आओ बच्चो तुम्हें दिखाएं झांकी हिंदुस्तान की गीत का यह सबसे प्यारा अंतरा अब सच हो चुका है. स्थानीय पार्टिशियन म्यूजियम में पंजाब सरकार और म्यूजियम ने अखबारों और चित्रों के साथ एक ऐसी प्रदर्शनी लगाई है, जिसमें वह समूचा दौर जीवंत हो गया है. 13 अप्रैल 1919, बैसाखी का दिन, जब हजारों लोग जलियांवाला बाग में शांतिमय सभा कर रहे थे कि अचानक गोलियां चलने लगी. इससे पहले कि कोई भी कुछ समझ पाता.चारों तरफ चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगी. जमीन खून से लाल हो चुकी थी और भगदड़ मची हुई थी. महिलाएं बच्चों को लेकर पास ही बने कुएं में कूद रही थी ताकि किसी तरह जान बचा सकें, लेकिन कुछ समय बाद जब गोलियों की आवाज बंद हुई तो चारों तरफ लाशें पड़ी थी और जो लोग बच गए थे, वह अपनों को ढूंढ रहे थे. इस इतिहास प्रदर्शनी का उद्घाटन मेयर कर्मजीत सिंह रिटू ने किया. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी के जरिए लोगों को 13 अप्रैल 1919 को यहां के नरसंहार का इतिहास फिर से बताया जा रहा.
आगामी 31 जुलाई तक अमृतसर आने वाले पर्यटकों को जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार के बारे में जानकारी देने के लिए लगी इस प्रदर्शनी को लेकर मेयर का कहना था ज्यादातर लोगों को अब भी नहीं पता है कि गोली चलाने के आदेश किसने दिए. कितने लोग मारे गए थे. लोगों ने जान बचाने के लिए क्या किया था. मेयर ने कहा कि यह बहुत जरूरी है कि हमारी आने वाली पीढ़ी इतिहास के बारे में जागरूक हो. युवा पीढ़ी को मालूम होना चाहिए कि देश को आजाद करवाने के लिए कितने ही मासूम लोगों ने शहादत दी. उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शनी राज्य के पांच अन्य शहरों जालंधर, लुधियाना, भटिंडा, पटियाला और साहिबजादा अजीत सिंह नगर में भी लगाई जाएगी. म्यूजियम की मैनेजर राजविंदर कौर ने बताया कि प्रदर्शनी चार गैलरी में लगी है. पहली गैलरी में जलियांवाला बाग के बारे में हर एक चीज तारीख के साथ दिखाई गई है. दूसरी गैलरी में दीवार बनाकर शहीदों के नाम डिस्पले किए गए हैं, जिसके साथ ही एक शार्ट फिल्म दिखाई जाती है. तीसरी गैलरी में उस समय के पुराने दस्तावेजों और अखबारों को लगाया गया है. अखबारों में जो इंटरव्यू प्रकाशित हुए थे वह सारे भी लगाए गए हैं,चौथी गैलरी में बताया गया है कि इस पूरे नरसंहार का बदला लेने के लिए शहीद ऊधम सिंह ने लंदन में जाकर कैसे जनरल माइकल ओ डायर को गोली मारी थी. पूरे नरसंहार में जो-जो अंग्रेज अधिकारी शामिल थे उन सभी की डिटेल भी लगाई गई है.
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