नई दिल्लीः कोरोना काल के चलते छोटे बच्चों की पढ़ाई में आ रहे व्यवधान पर केंद्र सरकार की गहरी नजर है, इसीलि उसने 100 दिवसीय पढ़े भारत अभियान की शुरुआत की है. पढ़े भारत अभियान के तहत बाल वाटिका से कक्षा 8 तक पढ़ने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाएगा. यह पठन अभियान 1 जनवरी, 2022 से 10 अप्रैल, 2022 तक 100 दिनों  के लिए आयोजित किया जा रहा है. पठन अभियान का उद्देश्य बच्चों, शिक्षकों, माता-पिता, समाज, शैक्षणिक संस्थानों आदि सहित राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर सभी हितधारकों की भागीदारी बढ़ाना है. प्रति समूह प्रति सप्ताह एक गतिविधि को पढ़ने को मनोरंजक बनाने और पढ़ने की खुशी के साथ आजीवन जुड़ाव बनाने पर ध्यान देने के साथ तैयार किया गया है.
इस अभियान को बुनियादी साक्षरता और संख्या ज्ञान मिशन के दृष्टिकोण और लक्ष्यों के साथ भी जोड़ा गया है. इस संबंध में 21 फरवरी अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस को भी इस अभियान के साथ एकीकृत किया गया है. इस दिवस को बच्चों को उनकी मातृभाषा/स्थानीय भाषा में पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करके देश भर में 'कहानी पढ़ो अपनी भाषा में' की गतिविधि के साथ मनाया जाएगा. इससे हमारे समाज की स्थानीय भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी. इसलिए, 100 दिवसीय पठन अभियान की परिकल्पना छात्रों के साथ-साथ उनके स्कूलों, शिक्षकों, अभिभावकों और समुदायों को हर संभव तरीके से समर्थन और प्रोत्साहित करने और बच्चों को आनंदमय तरीके से सीखने के अनुभव के लिए पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए की गई है. शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की विज्ञप्ति इन शब्दों को अपने में समेटती है कि 'शिक्षा एवं साक्षरता विभाग हमारे बच्चों के लिए मजबूत नींव बनाने के लिए इस अभियान में पूरे दिल से भाग लेने के लिए सभी हितधारकों को आमंत्रित करता है.'