नई दिल्ली: देश भर के नाटक प्रेमियों के लिए यह बड़ी खबर है. महिंद्रा समूह द्वारा स्थापित मेटा फेस्टिवल ने 13 श्रेणियों में नामांकित शीर्ष 10 नाटकों की घोषणा कर दी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित हो रहे मेटा फेस्टिवल के बाद भारतीय रंगमंच के सर्वश्रेष्ठ विजेताओं के लिए रेड कार्पेट अवार्ड्स नाइट का आयोजन कमानी आडिटोरियम में किया जाएगा. इस अवसर पर देशभर से थिएटर की दुनिया के दिग्गज उपस्थित रहेंगे. मेटा फेस्टिवल के नाटकों ने हमेशा अपने विषयों और चरित्र-चित्रणों के माध्यम से सन्देश दिए हैं. इन नाटकों के विषयों ने पौराणिक कथाओं, लिंग, पहचान, विद्रोह, उत्पीड़न और शोषण, अधिनायकवाद, धैर्य, व्यक्तिगत संघर्ष, साहसिक कार्य जैसे जवलंत विषयों को मंच पर प्रदर्शित किया है.
मेटा फेस्टिवल के 2024 संस्करण के लिए देश के महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, कर्नाटक, तेलंगाना, तमिलनाडु, असम, मणिपुर और राजस्थान का प्रतिनिधित्व करने वाली 395 प्रविष्टियां प्राप्त हुईं थी. फेस्टिवल में हमेशा की तरह समावेशिता और विविधता को एकीकृत करते हुए, अंतिम 10 नामांकन में असमिया, बांग्ला, अंग्रेजी, हिंदी, हिंदुस्तानी, मलयालम, मराठी जैसी भाषाओं में नाटक शामिल हैं. जो नाटक अंतिम दस के लिए चयनित किए गए उनमें ‘अग्निसुता द्रौपदी‘, ‘अवलांच‘, ‘भूतंगल‘, ‘डू यू नो दिस सोंग?’ , ‘गगन दमामा बाज्यो‘, ‘घंटा घंटा घंटा घंटा घंटा‘, ‘गोपाल उरे एंड कंपनी‘, ‘हयवदना‘, ‘रघुनाथ‘ और ‘सियाचिन‘ शामिल हैं. मेटा की चयन समिति ने सभी 395 नाटकों को देखा. इस समिति में अजीत राय, अमिताभ श्रीवास्तव, दीपिका अमीन, सरस्वती नागराजन और स्वरूपा घोष शामिल थीं.