नई दिल्ली: “असंख्य भुजाओं की शक्ति है, हर तरफ देश की भक्ति है!/तुम उठो तिरंगा लहरा दो, भारत के भाग्य को फहरा दो/ कुछ ऐसा नहीं जो कर ना सको, कुछ ऐसा नहीं जो पा ना सको/ तुम उठ जाओ, तुम जुट जाओ!/ सामर्थ्य को अपने पहचानो, कर्तव्य को अपने सब जानो!” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिल्ली के करियप्पा परेड ग्राउंड में वार्षिक राष्ट्रीय कैडेट कोर रैली को संबोधित करते हुए अपनी लिखी ये पंक्तियां सुनाईं. उन्होंने एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का अवलोकन किया और सर्वश्रेष्ठ कैडेट पुरस्कार प्रदान किये. प्रधानमंत्री ने कहा कि 18 मित्र देशों के लगभग 150 कैडेट यहां उपस्थित हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि एनसीसी की स्थापना लगभग भारत की आजादी के समय ही हुई थी. उन्होंने इस तथ्य को रेखांकित किया कि एनसीसी की यात्रा देश के संविधान से भी पहले शुरू हो गयी थी. श्री मोदी ने कहा कि गणतंत्र के 75 वर्षों की अवधि में, संविधान ने लोकतंत्र को प्रेरित किया है और नागरिक कर्तव्यों के महत्व पर जोर दिया है. इसी तरह, एनसीसी ने भी भारत के युवाओं को राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा दी है और उन्हें अनुशासन का महत्त्व सिखाया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के युवा सिर्फ भारत के विकास में ही योगदान नहीं दे रहे हैं, बल्कि वे वैश्विक कल्याण की एक शक्ति भी हैं.

प्रधानमंत्री ने एक तथ्य को रेखांकित करते हुए कहा कि किसी व्यक्ति या देश की ताकत तभी बढ़ती है जब अनावश्यक बाधाएं दूर होती हैं. दस्तावेज सत्यापन एक उदाहरण है, जहां पहले प्रवेश, परीक्षा और भर्तियों के लिए दस्तावेज़ों को एक राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित करना पड़ता था, जिससे काफी परेशानी होती थी. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार ने अब दस्तावेजों के स्व-सत्यापन की अनुमति देकर इस समस्या का हल कर दिया है. उन्होंने छात्रवृत्ति के लिए आवेदन करने एवं उसे हासिल करने में युवाओं के सामने आने वाली कठिनाइयों और छात्रवृत्ति निधि के वितरण में आने वाली कई समस्याओं का भी उल्लेख किया. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि एकल-खिड़की प्रणाली की शुरूआत ने इन पुरानी समस्याओं को समाप्त कर दिया है. विषय चयन से संबंधित एक अन्य प्रमुख समस्या की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि पहले बोर्ड परीक्षा के बाद एक बार विषय चुन लेने के बाद उसे बदलना कठिन होता था, लेकिन अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने विद्यार्थियों को अपनी पसंद के अनुसार विषय बदलने की सुविधा प्रदान की है. प्रधानमंत्री ने कहा कि हर क्षेत्र में, चाहे वह कला हो, अनुसंधान हो या फिर नवाचार, युवाओं को अपने अभिनव विचारों एवं रचनात्मकता के माध्यम से नई ऊर्जा का समावेश करना चाहिए.  प्रधानमंत्री ने एक अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र के रूप में राजनीति के महत्व पर प्रकाश डाला और युवाओं को नए सुझावों एवं नवीन विचारों के साथ राजनीति में प्रवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया. इस अवसर पर, केंद्रीय रक्षा मंत्री  राजनाथ सिंह, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ, चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, चीफ आफ आर्मी स्टाफ जनरल उपेन्द्र द्विवेदी, चीफ आफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह, चीफ आफ नेवल स्टाफ एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, एनसीसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल गुरबीरपाल सिंह और रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह उपस्थित थे.