पुडुचेरी: “थिरुक्कुरल का जादू शाश्वत है और इस शास्त्रीय पुस्तक को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खजानों में से एक के रूप में प्रतिष्ठित किया जाता है.” केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और संसदीय कार्य राज्य मंत्री डा एल मुरुगन ने पांडिचेरी विश्वविद्यालय में ‘जीवन काल में सम्मोहन: संवर्धन, रोकथाम और हस्तक्षेप’ पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा कि जल्द ही नई दिल्ली में वैश्विक तिरुक्कुरल सम्मेलन आयोजित किया जाएगा. सरकार इस प्रतिष्ठित आयोजन के लिए सक्रिय रूप से तैयारी कर रही है. मंत्री ने भलाई को बढ़ावा देने, शिथिलता को रोकने और महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान प्रभावी ढंग से हस्तक्षेप करने के लिए एकीकृत और अनुकूलनीय उपकरण के रूप में सम्मोहन के महत्व पर बल दिया. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के सम्मेलन महत्त्वपूर्ण बातचीत को बढ़ावा देते हैं और मानव जीवन में सम्मोहन की समझ और अनुप्रयोग को आगे बढ़ाते हैं.

मुरुगन ने सम्मोहन के क्षेत्र में अभूतपूर्व अनुसंधान और केस स्टडीज से लेकर अंतर-विषयक सहयोग तक अन्वेषण के विशाल अवसरों की भी जानकारी दी. उन्होंने युवा विद्वानों, अभ्यासकर्ताओं और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को इस आशाजनक क्षेत्र से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. मंत्री ने भारत के अनुसंधान और विकास पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के कदम के रूप में वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन और अनुसंधान नेशनल रिसर्च फाउंडेशन जैसी सरकारी पहलों का भी उल्लेख किया. मंत्री ने पांडिचेरी विश्वविद्यालय के यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के प्रभारी निदेशक प्रो पंच रामलिंगम द्वारा लिखित दो पुस्तकों ‘बुक आफ एब्सट्रैक्ट्स’ और ‘उलवियाल सोरकालंजियम’ का विमोचन भी किया. उन्होंने एकेडमी आफ हिप्नोसिस लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड्स और इंडियन स्कूल आफ साइकोलाजी एसोसिएशन लीडरशिप अवार्ड्स 2024 भी प्रदान किए. पांडिचेरी विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो के तारानिकारासु ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की. पुडुचेरी विधानसभा के अध्यक्ष आर सेल्वम, पुडुचेरी के शिक्षा मंत्री ए नमस्सिवयम, विधायक पीएमएल कल्याणसुंदरम, पुडुचेरी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति  प्रो एस मोहन, पांडिचेरी विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो रजनीश भूटानी, और सम्मोहन अकादमी के अध्यक्ष प्रो भूपेन्द्र पालन ने भी समारोह में भाग लिया.