वाराणसी: काशी तमिल संगमम का उद्देश्य तमिलनाडु और काशी- देश के दो सबसे महत्त्वपूर्ण और प्राचीन शिक्षण केंद्रों- के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुनः खोजना, उनकी पुष्टि करना और उनका उत्सव मनाना है. काशी तमिल संगमम के इस संस्करण का मुख्य विषय महर्षि अगस्त्य है. कार्यक्रम के दौरान प्रतिनिधि महाकुंभ और अयोध्या धाम का भी दौरा करेंगे. यह कार्यक्रम एक दिव्य अनुभव प्रदान करने की भावना से संचालित हो रहा है, जो सांस्कृतिक रूप से तमिलनाडु और काशी को और करीब लाएगा. इस वर्ष सरकार ने तमिलनाडु से पांच श्रेणियों, समूहों के अंतर्गत लगभग 1000 प्रतिनिधियों को लाने का निर्णय लिया है: पहला- छात्र, शिक्षक और लेखक; दूसरा- किसान और कारीगर यानी विश्वकर्मा श्रेणियां; तीसरा पेशेवर और छोटे उद्यमी; चौथा महिलाएं एसएचजी, मुद्रा ऋण लाभार्थी, डीबीएचपीएस प्रचारक; और पांचवां स्टार्टअप, इनोवेशन, एडु-टेक, अनुसंधान. इस वर्ष, विभिन्न केंद्रीय विश्वविद्यालयों में अध्ययनरत तमिल मूल के लगभग 200 छात्रों का एक अतिरिक्त समूह काशी और तमिलनाडु के बीच संबंधों को जीवंत बनाने के लिए इस कार्यक्रम का हिस्सा बनेगा. इस वर्ष सभी श्रेणियों में युवाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाएगा. दौरे की अवधि 8 दिन होगी. यात्रा के लिए 4 दिन, साइट पर 4 दिन.

काशी तमिल संगमम 3.0 के दौरान काशी में ऋषि अगस्त्य के विभिन्न पहलुओं और स्वास्थ्य, दर्शन, विज्ञान, भाषा विज्ञान, साहित्य, राजनीति, संस्कृति, कला, विशेषकर तमिल और तमिलनाडु आदि के क्षेत्र में उनके योगदान पर एक प्रदर्शनी और सेमिनार, कार्यशालाएं, पुस्तक विमोचन आदि का आयोजन किया जाएगा. काशी तमिल संगमम का आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा संस्कृति, कपड़ा, रेलवे, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण, सूचना एवं प्रसारण आदि मंत्रालयों और उत्तर प्रदेश सरकार के सहयोग से किया जा रहा है. इस कार्यक्रम का उद्देश्य दोनों क्षेत्रों के विद्वानों, छात्रों, दार्शनिकों, व्यापारियों, कारीगरों, कलाकारों और अन्य क्षेत्रों के लोगों को एक साथ आने, अपने ज्ञान, संस्कृति और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और एक-दूसरे के अनुभव से सीखने का अवसर प्रदान करना है. इसका उद्देश्य युवाओं को जागरूक करना और सांस्कृतिक एकता का अनुभव कराना भी है. यह प्रयास एनईपी 2020 के भारतीय ज्ञान प्रणालियों की संपदा को ज्ञान की आधुनिक प्रणालियों के साथ एकीकृत करने पर जोर देने के अनुरूप है. आईआईटी मद्रास और बीएचयू इस कार्यक्रम के लिए दो कार्यान्वयन एजेंसियां हैं. काशी तमिल संगमम 2.0 का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2023 में 17 दिसंबर को वाराणसी में किया गया था, जिसमें तमिल प्रतिनिधियों के लाभ के लिए प्रधानमंत्री के भाषण के एक हिस्से का पहली बार तमिल में वास्तविक समय, ऐप-आधारित अनुवाद किया गया था.