नई दिल्ली: विश्व पुस्तक मेले में साहित्य अकादेमी के मंच पर दो महत्त्वपूर्ण पुस्तकों का विमोचन अंग्रेजी लेखक अनीस उर रहमान ने किया. पहली पुस्तक ‘राबर्ट बर्न्स : 20 कालजयी कविताएं’ शीर्षक से थी, जिसका अनुवाद अंजु रंजन ने किया है. दूसरी पुस्तक सुषम बेदी की कहानियों का अनुवाद ‘ए प्लेस काल्ड होम’ शीर्षक से था, जिसका संपादन रेखा सेठी और हिना नंद्राजोग ने किया है. कार्यक्रम के आरंभ में सभी का स्वागत साहित्य अकादेमी के सचिव के श्रीनिवासराव ने अंगवस्त्रम प्रदान करके किया. इस अवसर पर राबर्ट बर्न्स की कविताओं की अनुवादिका अंजु रंजन ने कहा कि राबर्ट बर्न्स स्काटलैंड के राष्ट्रीय कवि थे और उनकी कविताएं हिंदी में पहली बार अनूदित होकर सामने आई हैं. मेरे वहां के प्रवास पर मुझे उन्हें बेहतर तरीके से जानने और समझने का अवसर मिला. मैंने कवि के जन्म स्थल के साथ ही उनकी स्मृति में बने संग्रहालय का भी दौरा किया. इस संग्रह में उनकी 20 कालजयी कविताएं शामिल हैं. इन कविताओं के सहारे 17वीं शताब्दी के स्काटलैंड के समाज को अच्छी तरह से समझा जा सकता है.
दूसरी पुस्तक ‘ए प्लेस काल्ड होम’ जो कि सुषम बेदी की हिंदी कहानियों का अंग्रेजी अनुवाद है की संपादिका रेखा सेठी ने कहा कि अनुवाद एक सामूहिक कार्य होता है जिसे हमने बखूबी इस पुस्तक के अनुवाद के लिए हुई कार्यशाला में महसूस किया. हम सभी इस प्रक्रिया में हुए अनुभवों से काफी समृद्ध हुए. सहयोगी संपादक हिना नंद्राजोग ने भी अपने विचार साझा किए. इस अवसर पर सुषम बेदी के पति राहुल बेदी भी उपस्थित थे. अंत में अनीस उर रहमान ने साहित्य अकादेमी को इन दो महत्त्वपूर्ण रचनाकारों के अनुवाद उपलब्ध कराने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इसके सहारे हम दो देशों की संस्कृति को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे और नए समाज तक पहुंच बना सकेंगे. उन्होंने अनुवाद को सामूहिक प्रक्रिया मानते हुए कहा कि इससे सभी भाषाएं और उनकी संस्कृति समृद्ध होती हैं. कार्यक्रम का संचालन अकादेमी के उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया.