नई दिल्ली: नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 में पुस्तक प्रेमियों का उत्साह देखते ही बन रहा है. अपने पसंदीदा लेखकों और वक्ताओं को सुनने के लिए पाठक, श्रोता, पुस्तक प्रेमी बड़ी संख्या में आ रहे. मेले में चर्चित लेखक-फिल्मकार प्रकाश झा, पत्रकार रुबिका लियाकत, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल और मोटिवेशनल स्पीकर शिव खेड़ा के कार्यक्रमों में भारी भीड़ दिखाई दी. विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर नेशनल बुक ट्रस्ट ने सीईओस्पीक के 12वें संस्करण का आयोजन किया, जो राष्ट्र निर्माण में प्रकाशकों के योगदान विषय पर केंद्रित था. ‘राष्ट्र निर्माता के रूप में प्रकाशक’ विषय पर केंद्रित यह कार्यक्रम गणतंत्र@75 संवाद का हिस्सा है, जिसमें बौद्धिक और सांस्कृतिक विमर्श को आकार देने में प्रकाशन की भूमिका को रेखांकित किया गया. मुख्य वक्ता के रूप में नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने अंतर्राष्ट्रीय प्रकाशन के क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका के बारे में अपनी बात रखी. उन्होंने एक मजबूत पठन संस्कृति के निर्माण, पुस्तकालय नेटवर्क को मजबूत करने और भारत को साहित्यिक सामग्री के लिए एक अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करने के महत्व पर जोर दिया. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत के अध्यक्ष प्रो मिलिंद सुधाकर मराठे ने प्रकाशन में जिम्मेदारी तथा स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और साहित्यिक परिदृश्य को मजबूत करने में प्रकाशकों की जिम्मेदारियों पर प्रकाश डाला. नेशनल बुक ट्रस्ट इंडिया के निदेशक युवराज मालिक ने इस अवसर पर प्रकाशन जगत को संवाद और सहयोग की रणनीति से भविष्य के चुनौतियों का सामना करने का सुझाव दिया. इस अवसर पर उन्होंने नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला फेलोशिप प्रोग्राम, अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक मेलों में भारतीय प्रकाशकों को मंच उपलब्ध कराने, फेस्टिवल आफ फेस्टिवल कार्यक्रम के देशव्यापी विस्तार सहित कई नयी योजनाओं की जानकारी दी.

मेला में शारजाह बुक अथारिटी के सीईओ अली अल अमेरी ने बढ़ती पुस्तक संस्कृति के बारे में जानकारी साझा की, जबकि डेविड टेलर (यूके) और राबर्टो मार्कुची (इटली) ने अंतर्राष्ट्रीय पहचान और सामग्री संग्रह पर दृष्टिकोण प्रस्तुत किए. इन चर्चाओं ने एक राष्ट्र की सांस्कृतिक पहचान, साक्षरता और बौद्धिक विकास के प्रमुख चालकों के रूप में प्रकाशकों की भूमिका को सुदृढ़ किया.मेला में सम्मानित अतिथि देश के रूप में रूस की उपस्थिति साहित्यिक और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है. हाल नंबर 4 के रूसी मंडप में बच्चों के लिए साहित्य, पर्यटन और अनुवादित कार्यों के 1,000 से अधिक रूसी शीर्षकों का चयन किया गया है. उल्लेखनीय प्रकाशनों में प्रसिद्ध हिंदी फिल्म गीतकार इरशाद कामिल द्वारा कविता संग्रह ‘नज्मों का मौसम’ का रूसी अनुवाद, जो अब ‘सीजन्स आफ पोएट्री’ के रूप में उपलब्ध है. नोबेल पुरस्कार विजेता मिखाइल शोलोखोव की क्लासिक ‘द फेट आफ ए मैन’ के हिंदी अनुवाद सहित कई साहित्यिक सामग्री उपलब्ध है. पुस्तक प्रदर्शनियों के अलावा, रूसी मंडप में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों की एक विविध श्रृंखला आयोजित की जा रही है, जिसमें समकालीन रूसी साहित्य और रंगमंच में नाट्यशास्त्र पर चर्चाएं शामिल हैं. रूसी नृत्य प्रतियोगिता और बच्चों की ड्राइंग प्रतियोगिता, भारतीय बच्चों की नज़र से भारत-रूस, मेले को आकर्षक बनाती है तथा सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ाती है. नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2025 लगभग सभी महाद्वीपों के विभिन्न देशों की भागीदारी है. सऊदी अरब साहित्य, प्रकाशन और अनुवाद आयोग पुस्तकों का एक व्यापक संग्रह प्रदर्शित कर रहा है, जिसमें उत्कृष्ट सऊदी उपन्यासों जैसे गाजी अल्गोसाइबी द्वारा ‘द फेयरी’ और ओमैमा अलखमिस द्वारा ‘सी वेफ्टेड वूमेन’ के कामिक का रूपांतरण शामिल हैं.