शिमला: भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत पर्वतीय क्षेत्रों में सचल पुस्तक प्रदर्शनी की योजना पर गंभीरता के साथ आगे बढ़ रहा है. इसी कड़ी में हिमाचल प्रदेश पुस्तक परिक्रमा शुरू हो चुकी है, जो अगले माह 29 जुलाई तक जारी रहेगी. इस पुस्तक परिक्रमा की शुरुआत 21 जून को नाहन से हुई. इस सचल पुस्तक परिक्रमा का उद्देश्य है कि मैदानी इलाकों के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्रों के दूर-दराज के स्थानों तक पठन-संस्कृति को बढ़ावा दिया जाए और बच्चों व युवाओं को शैक्षणिक पाठ्यक्रम के अलावा भी अपने मनपसंद विषयों की पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित किया जाए. राष्ट्रीय पुस्तक न्यास की सचल पुस्तक प्रदर्शनी वैन ने 21 जून को नाहन से अपनी यात्रा की शुरुआत कर दी है, और वह सोलन, शिमला, बिलासपुर, हमीरपुर, मंडी, कुल्लु, मनाली, कसोल, पालमपुर, धर्मशाला, डलहौजी, ऊना और चंडीगढ़ होते हुए आखिरी चरण में अंबाला पहुंचेगी.
एक माह से भी अधिक 39 दिनों तक चलने वाली इस पुस्तक परिक्रमा में बच्चों और युवाओं को पुस्तक पठन के साथ-साथ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास भारत ‘एनबीटी, इंडिया‘ द्वारा आयोजित कथावाचन, रचनात्मक लेखन, चित्रकला प्रतियोगिता, विचार-विमर्श आदि रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेने का भी अवसर मिलेगा. इस पुस्तक परिक्रमा की एक खास बात यह भी है कि पाठकों के लिए हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, पंजाबी और हिमाचली भाषा में प्रकाशित बच्चों व बड़ों की पुस्तकें उचित कीमत पर पढ़ने के लिए उपलब्ध हो रही हैं. विद्यालयों, विश्वविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थाओं को सभी पुस्तकों पर 25 प्रतिशत और सामान्य पाठकों को 10 प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है. पुस्तक परिक्रमा के दौरान बच्चों व किशोरों के लिए तैयार डिजिटल प्लेटफार्म राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय के प्रति पाठकों को जागरूक किया जा रहा है. उन्हें बताया जा रहा है कि किस तरह राष्ट्रीय ई-पुस्तकालय ऐप पर सरल तरीके से लाग-इन कर पाठक देशभर के सैकड़ों प्रकाशकों की पुस्तकें नि:शुल्क पढ़ सकते हैं.