नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने हितधारक परामर्श बैठक की अध्यक्षता की. इस बैठक में भारतीय भाषाओं में लेखन प्रतियोगिताएं आयोजित करने के लिए एक मंच बनाने पर चर्चा की गई. ये प्रतियोगिताएं जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होंगी. बैठक में डीओएसईएल, सीबीएसई, एनबीटी, एनसीईआरटी, नवोदय विद्यालय समिति, एससीईआरटी के अधिकारियों और 9 राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया. कुमार ने विभिन्न हितधारकों के साथ सहयोग करके इन प्रयासों को एक संरचित ढांचे में जोड़ने के महत्त्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि डीओएसईएल भाषा विशेषज्ञों और सीबीएसई को शामिल करके बहुभाषावाद के उद्देश्य को पूरा करेगा, ताकि मूल्यांकन प्रक्रिया में एनसीईआरटी का सहयोग लिया जा सके. उन्होंने यह भी कहा कि स्कूल राज्य, जिला स्तर पर विभिन्न भाषाओं में प्रतियोगिताएं आयोजित करेंगे, सीबीएसई द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिए प्रतिभागियों को शार्टलिस्ट करेंगे. कुमार ने राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी के लिए लोकप्रिय क्षेत्रीय भाषा की पुस्तकों की पहचान करने और उन्हें शामिल करने के लिए एससीईआरटी और नेशनल बुक ट्रस्ट के बीच सहयोग का आग्रह किया. बैठक में सूचना एवं प्रौद्योगिकी की संयुक्त सचिव प्राची पांडे ने कहा कि पढ़ने और लिखने के संबंध में राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा किए जा रहे प्रयास और पहल जुलाई के मध्य में निर्धारित समीक्षा बैठक के दौरान चर्चा का एक प्रमुख विषय होंगे.
याद रहे कि इस पहल का उद्देश्य छात्रों के पढ़ने और लिखने के कौशल को विभिन्न भाषाओं में बढ़ावा देने, बहुभाषावाद को बढ़ावा देने और बच्चों को अपनी मूल भाषा में खुद को अभिव्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए एक पद्धति विकसित करना है. बैठक में सीबीएसई और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधियों द्वारा अपनी मौजूदा लेखन प्रतियोगिताओं और पठन पहलों को प्रदर्शित करते हुए जो प्रस्तुतियां दी गईं, उनमें प्रमुख रूप से- सीबीएसई अभिव्यक्ति श्रृंखला, जो सीबीएसई छात्रों की त्रैमासिक गतिविधि है, जिसमें प्रति तिमाही लगभग 5 लाख प्रतिभागी शामिल होते हैं; आंध्र प्रदेश का ‘स्पेल बी‘ इसके तहत मंडल, जिला और राज्य स्तर पर कई तरह के शब्दों की वर्तनी लिखना कार्यक्रम; छत्तीसगढ़ का ‘सीधी कार्यक्रम‘ जो मुख्य रूप से चार जनजातीय भाषाओं हल्बी, भदरी, छत्तीसगढ़ी और गोंडी में पढ़ने और लिखने के कौशल को बढ़ावा देने पर केंद्रित है; असम का गुणोत्सव, जो प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य वाली ऐसी पहल है, जिसमें पढ़ने, लिखने और गणित सीखने के स्तर का आकलन और सुधार करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया है; उत्तर प्रदेश की कहानी सुनाने की प्रतियोगिता, जो पुरुष और महिला शिक्षकों के लिए जिला और राज्य स्तरीय कहानी सुनाने की प्रतियोगिता है; तमिलनाडु का इलम-थेडी कल्वी, जो गूगल के सहयोग से कक्षा 3 से 9 तक के बच्चों के लिए दो सप्ताह का रीडिंग मैराथन आयोजित करता है; तथा कर्नाटक का नाली कली कार्यक्रम, जो कक्षा 1 से 3 तक के विद्यार्थियों को लक्षित करता है, जिसमें आधारभूत साक्षरता और बच्चों के लिए पुस्तकालयों की स्थापना पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, शामिल था.