भिवानी: “भिवानी मंदिरों की ही नहीं साहित्य की भी छोटी काशी है. यह साहित्यकारों की कर्मस्थली है. यहां अंतर्राष्ट्रीय स्तर के साहित्यकार निवास करते हैं. भिवानी के साहित्यकारों ने देश और विदेश में छोटी काशी का नाम चमकाया है.” यह बात भिवानी के उपायुक्त महावीर कौशिक ने 76वें गणतंत्र दिवस दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन और साहित्यकार मित्र मंडल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कवि सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कही. कवि-सम्मेलन का आयोजन स्थानीय पंचायत भवन में किया गया था, जिसमें एक दर्जन साहित्यकारों ने देश के सामाजिक संस्कारों के ताने-बाने, आधुनिक राजनीति, राष्ट्रीयता, देश वंदना इत्यादि विषयों पर कविता पाठ किया. कवि सम्मेलन की अध्यक्षता सीटीएम विपिन कुमार ने की. कवि सम्मेलन की शुरुआत वरिष्ठ कवि निवास मयंक की सरस्वती वंदना से हुई. युवा कवि कर्मवीर तिगड़नीया ने देश के ज्ञात, अज्ञात वीर सूरमाओं की वंदना करते हुए पढ़ा, ‘धरा तुम्हें पुकारती है, तुम कब आओगे धरा पर’. गीतकार विकास यशकीर्ति ने पारिवारिक संस्कारों पर रचना पाठ किया. उन्होंने पढ़ा, ‘दर्द का यहां बहता मिला.’ हरियाणवी भाषा के कवि बीएम बेचैन ने पढ़ा, ‘आंखों पर चमक होठों पर लाली, लोगों ने बिजी देखो खुद रहो खाली.’ डा पुरुषोत्तम पुष्प ने पढ़ा, ‘ख्वाहिशों के बोझ लिए चल रहा है आदमी, चलती फिरती लाश जैसा हो रहा है आदमी.’ गीता सिंह ने महाकुम्भ को याद करते हुए वीरों की वंदना की और पढ़ा, ‘मुल्कों से प्यारा मेरा भारत, किसी भी परिंदे से प्यारा है मेरा भारत.’
सम्मेलन की अगली प्रस्तुति सुनीता करोथवाल की थी. उन्होंने पढ़ा, ‘लड़के हमेशा खड़े रहे बाहर, खड़े रहे कभी कक्षा से बाहर खड़े रहे कभी कालेज से बाहर.’ डा रमाकांत शर्मा ने संचालन करते हुए पाठ किया, ‘मेरा भारत देश हमेशा एक रहेगा रहेगा सदियों तक, संविधान की शक्ति हमारे पास है.’ प्रोफेसर श्याम वशिष्ठ ने पढ़ा, ‘ये जो हमदर्दी दिखालाने वाले हैं, फिर से कोई घाव लगाने वाले हैं.’ साहित्यकार पूनम चंद वेणु ने कहा ‘कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक है, विभिन्नता में एकता भारत की विशेषता.’ डा रमाकांत शर्मा ने पढ़ा, ‘जय हो देश हमारे जय हो, सत्यम शिवम सुंदरम जय हो.’ डा शिवकांत शर्मा ने ठेठ हरियाणवी भाषा में पढ़ा, ‘खड़ी फसल पर ओले पड़ गए भाग फूट गए र छोरे, ठाडा मारे रोण ना दे तू के कर ले मैं के कर लूं.’ छात्रा साक्षी ने भी ओजस्वी कविता पाठ किया. श्रीनिवास मयंक ने आभार प्रकट किया. इस अवसर पर महंत वेदनाथ, पूर्व आईएएस अधिकारी डा जगदीश चन्द्र, पूर्व विधायक शिव शंकर भारद्वाज, डा मुरलीधर शास्त्री, तहसीलदार सुरेश कुमार, प्रो सतीश आर्य, प्रो सुरेंद्र शर्मा, प्रो करण सिंह श्योरान, डा कमला भारद्वाज, अधिवक्ता सुरेंद्र जैन, आनंद गोयल, डा करण पूनिया, डा त्रिलोकी गुप्ता, भागीरथ शर्मा, जे सी शर्मा आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे.