नई दिल्ली: शहीद दिवस के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार और राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय, भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार और प्रसार भारती अभिलेखागार के सहयोग से ‘महात्मा की यात्रा: उनके अपने दस्तावेजों के माध्यम से’ शीर्षक से एक विशेष प्रदर्शनी का आयोजन हुआ. इस प्रदर्शनी का उद्घाटन राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय की अध्यक्ष और महात्मा गांधी की पोती तारा गांधी भट्टाचार्य ने किया. राष्ट्रीय गांधी संग्रहालय राजघाट के प्रदर्शनी हाल में लगी यह प्रदर्शनी महात्मा गांधी की परिवर्तनकारी यात्रा को दर्शाती है, जिससे दर्शकों को राष्ट्रपिता के जीवन और विरासत को जानने का अनूठा अवसर मिलता है. दुर्लभ तस्वीरों, आधिकारिक दस्तावेजों, ऑडियो रिकार्डिंग, वीडियो क्लिपिंग और व्यक्तिगत पत्राचार के संयोजन के माध्यम से यह प्रदर्शनी पोरबंदर में गांधी के शुरुआती जीवन से लेकर भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका तक के उनके मार्ग का एक खूबसूरत चित्रण प्रस्तुत करती है.

प्रदर्शनी में महात्मा गांधी की जीवन यात्रा और कुछ महत्त्वपूर्ण घटनाओं जैसे इंग्लैंड में उनकी शिक्षा, दक्षिण अफ्रीका में उनके प्रारंभिक वर्ष और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में चंपारण सत्याग्रह, दांडी मार्च और भारत छोड़ो आंदोलन सहित प्रमुख मील के पत्थरों के दौरान उनके नेतृत्व को प्रदर्शित करने वाले 30 पैनल शामिल हैं. इसमें सामाजिक न्याय, सांप्रदायिक सद्भाव और अस्पृश्यता उन्मूलन के लिए उनके काम के साथ-साथ विभाजन के दौरान शांति बनाए रखने के उनके अंतिम प्रयासों और स्वतंत्रता के बाद उनकी स्थायी विरासत पर भी प्रकाश डाला गया है. यह प्रदर्शनी गांधी के अहिंसा, न्याय और शांति के दर्शन को दर्शाती अभिलेखीय सामग्री का एक समृद्ध संग्रह प्रस्तुत करती है. यह प्रदर्शनी सीमित समय के लिए जनता के लिए खोली जाएगी. आयोजकों ने नागरिकों, छात्रों, इतिहासकारों और गांधी के प्रति उत्साही लोगों को महात्मा गांधी को दी गई इस श्रद्धांजलि का अनुभव करने और उनके जीवन और विरासत की गहरी समझ हासिल करने के लिए आमंत्रित किया है.